पूर्व CM दिग्विजय पर FIR: औद्योगिक जमीन आवंटन के खिलाफ कर रहे थे प्रदर्शन, जुटाई थी 200 से ज्यादा की भीड़
कांग्रेस ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र असोसिएशन के विरोध के बावजूद सरकार ने करोडों की जमीन एक रुपए में दे दी. बीजेपी जमीन की भूखी है, लेकिन कांग्रेस मजदूरों का हक कोर्ट जाकर भी लेकर रहेगी.
भोपाल/आकाश द्विवेदीः FIR on Digvijay Singh: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह (Former CM Digvijay Singh) पर भोपाल में मामला दर्ज हुआ. प्रशासनिक गाइडलाइन के बावजूद धरना प्रदर्शन करने और शासकीय आदेशों का उल्लंघन करने के मामले में FIR दर्ज की गई. पूर्व CM समेत कांग्रेस के 10 बड़े नेताओं और करीब 200 अन्य लोगों पर FIR हुई. कांग्रेस नेता औद्योगिक जमीन आवंटन को लेकर भोपाल में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे.
10 बड़े कांग्रेस नेताओं के नाम शामिल
आज भोपाल में पूर्व CM दिग्विजय, पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, कांग्रेस जिला अध्यक्ष कैलाश मिश्रा समेत 10 बड़े नेता रविवार को गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया में RSS की संस्था लघु उद्योग भारती को जमीन आवंटन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. इस दौरान करीब 200 से ज्यादा लोग प्रदर्शन में शामिल थे. आपदा प्रबंधन की धारा 188, 147 और 269 के तहत अशोका गार्डन थाने में मामला दर्ज किया गया. पुलिस ने कहा, वीडियो फुटेज के आधार पर प्रदर्शनकारियों की पहचान कर एक्शन लिया जाएगा.
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इस वजह से दर्ज हुआ मामला
प्रदेश की शिवराज सरकार ने गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र की जमीन को RSS की लघु उद्योग भारती को आवंटित कर दिया. रविवार 11 बजे जमीन का भूमिपूजन हुआ. जिस पर कांग्रेस नेताओं ने विरोध प्रदर्शन कर दिया. कांग्रेस ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र असोसिएशन के विरोध के बावजूद सरकार ने करोडों की जमीन एक रुपए में दे दी. बीजेपी जमीन की भूखी है, लेकिन कांग्रेस मजदूरों का हक कोर्ट जाकर भी लेकर रहेगी. वहीं भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने कहा, इंडस्ट्रियल एरिया में खाली पड़ी जमीन को आवंटित किया गया है.
इन नेताओं पर दर्ज हुआ मामला
थाने में पूर्व CM दिग्विजय सिंह, पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, कांग्रेस जिलाध्यक्ष कैलाश मिश्रा, पू्र्व महापौर विभा पटेल, कांग्रेस नेता गोविंद गोयल समेत संतोष कंसाना, प्रदीप शर्मा और प्रकाश शर्मा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई. इनके अलावा भी करीब 200 कार्यकर्ताओं पर मामला दर्ज हुआ है.
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क्या है धारा 147, 188 और 269
धारा 147
किसी भी तरह का उपद्रव करने पर दो साल तक की सजा या जुर्माना या दोनों की सजा मिल सकती है.
धारा 188
कानूनी निर्देशों का उल्लंघन, कानूनी काम कर रहे व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने पर एक महीने की जेल या 200 रुपए का जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है.
इसी के तहत सरकारी आदेश का उल्लंघन करने पर किसी व्यक्ति के जीवन, स्वास्थ्य या सुरक्षा को खतरा होने पर 6 महीने की जेल या एक हजार रुपए का जुर्माना या दोनों की सजा मिल सकती है.
धारा 269
किसी बीमारी को फैलाने के लिए किए गए लापरवाही भरे काम, जिससे किसी व्यक्ति की जान को खतरा हो. इसके तहत अपराधी को 6 महीने की जेल या जुर्माना या फिर दोनों की सजा मिल सकती है.
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