आखिर क्यों खुद मंत्री ने अफसरों को दी नियम और कानून तोड़ने की इजाजत !
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आखिर क्यों खुद मंत्री ने अफसरों को दी नियम और कानून तोड़ने की इजाजत !

पंचायत मंत्री के इस बयान के बाद सूबे में नियम कानून के पालन को लेकर नई बहस छिड़ गई

नियम और कानून तोड़ने की इजाजत

गुना: मध्य प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया विकास कार्यों को लेकर कुछ ज्यादा ही जल्दबाजी में दिखाई दे रहे हैं. गुना जिले की पर्यटन नगरी बजरंगगढ़ की मुख्य सड़क को स्वीकृत कराने के लिए सिसोदिया ने अफसरों को नियम और कानून तोड़ने की भी इजाजत दे दी. इस बात की पुष्टि मंत्री के विरोधियों ने उस समय की जब वह इस सड़क का भूमि पूजन करने के लिए बजरंगढ़ पहुंचे थे.

पंचायत मंत्री ने ग्रामीणों को बताया कि सड़क बनवाने के लिए उन्होंने क्या-क्या नहीं किया! जब पंचायत के अधिकारियों ने उन्हें बजट नहीं होने की लाचारी बताई तो उन्होंने स्पष्ट कह दिया था कि नियम-कानून तोड़ यह  सड़क तो बननी ही चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत 9 करोड़ों रुपए की लागत से सड़क स्वीकृत हुई है.

बजरंगगढ़ की यह सड़क वर्षों से बदहाल है. रविवार को पंचायत मंत्री ने सड़क का भूमिपूजन किया. कस्बे के लोग और यहां के स्थानीय विधायक लंबे समय से इस सड़क की मांग कर रहे थे.

पंचायत मंत्री के इस बयान के बाद सूबे में नियम कानून के पालन को लेकर नई बहस छिड़ सकती है. हालांकि इस बयान को विवादास्पद माना जा रहा है.

ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक मंत्री का यह बयान इसलिए भी चर्चाओं में आ रहा है क्योंकि उनके ही समर्थक प्रद्युम्न सिंह तोमर पेट्रोल डीजल को लेकर लोगों को साइकिल से सब्जी मंडी जाने की हिदायत दे चुके हैं.

इससे पहले उज्जैन जिले से विधायक और स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार अभिभावकों को मरने तक की सलाह दे दी थी. इस तरह मंत्री के बड़बोलेपन से विपक्ष को भी मुद्दा मिल सकता है.

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