गुरु पूर्णिमा विशेष: श्री कृष्ण की वो 'स्कूल' जहां से उन्होंने 64 दिनों में प्राप्त किया था 64 कलाओं का ज्ञान
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गुरु पूर्णिमा विशेष: श्री कृष्ण की वो 'स्कूल' जहां से उन्होंने 64 दिनों में प्राप्त किया था 64 कलाओं का ज्ञान

 भगवान श्री कृष्ण ने अपनी सम्पूर्ण शिक्षा और ज्ञान उज्जैन के संदीपनि आश्रम में ही गुरू संदीपनि से प्राप्त किया था. 

गुरु पूर्णिमा विशेष: श्री कृष्ण की वो 'स्कूल' जहां से उन्होंने 64 दिनों में प्राप्त किया था 64 कलाओं का ज्ञान

उज्जैन: धार्मिक नगरी उज्जैन जिसे उज्जैनी, अवन्तिका भी कहा गया. गौरतलब है कि भगवान श्री कृष्ण ने अपनी सम्पूर्ण शिक्षा और ज्ञान उज्जैन के संदीपनि आश्रम में ही गुरू संदीपनि से प्राप्त किया था. श्री कृष्ण के साथ उज्जैन विद्या प्राप्त करने मित्र सुदामा व भाई बलराम भी आए थे. कहते है विश्व का सबसे पहला गुरुकुल यही था. गुरु पूर्णिमा पर्व महर्षि सांदीपनि आश्रम में धूम-धाम के साथ प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है. हालांकि इस बार कोरोना काल के कारण यहां लोगों का प्रवेश प्रतिबंध किया गया है, साथ ही धार्मिक आयोजनों पर रोक लगा रखी है.

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बता दें कि सांदीपनि आश्रम का अपना अलग महत्व है. क्योंकि विश्व के प्रथम गुरु सांदीपनि जिन्होंने श्री कृष्ण को विद्या दी जिनके आश्रम में गुरु पूर्णिमा महोत्सव पर सुबह 5 बजे ऋषि सांदीपनि, कृष्ण, बलराम और सुदामा की प्रतिमा का पंचामृत व गंगाजल से अभिषेक किया गया. आश्रम मंगलनाथ धाम के समीप क्षिप्रा किनारे बना हुआ है. जहां विश्वकल्याण और कोरोना से मुक्ति के लिए हवन भी किया गया.

श्री कृष्ण ने रच दिया इतिहास
मान्यता के अनुसार 5000 साल के भी पहले श्री कृष्ण, बलराम और सुदामा ने इसी आश्रम में कुलगुरु सांदीपनि से शास्त्रों और वेदों का ज्ञान लिया था. इसीलिए संदीपनि आश्रम को श्री कृष्ण की विद्या अध्ययन स्थली के नाम से भी जाना जाता है.   दुनिया के प्रथम गुरुकुल माने जाने वाले इस सांदीपनि आश्रम में श्री कृष्ण अपने भाई बलराम और मित्र सुदामा के साथ यंहा आये थे. भगवान श्री कृष्ण ने 64 दिनों के अल्प समय में सम्पूर्ण शास्त्रों की शिक्षा ग्रहण कर ली थी. जिसमें गुरु सांदीपनि से 64 विद्या और 16 कलाओं का ज्ञान लिया. भगवान श्री कृष्ण ने चार दिन में चार वेद, 6 दिन में छः शास्त्र और 16 दिन में 16 कलाएं , 18 दिन में 18 पुराण, 20 दिन में गीता का ज्ञान प्राप्त कर इतिहास रच दिया था.

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कोरोना के कारण प्रवेश बंद
सांदीपनि आश्रम में मुख्य पुजारी पंडित रूपम व्यास ने अधिक जानकरी देते हुए बताया कि गुरु पूर्णिमा पर यहां ख़ास कार्यकम होते हैं. बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंचते हैं, लेकिन इस बार श्रद्धालु के प्रवेश पर प्रतिबन्ध है. हर साल परिजन अपने बच्चों के भविष्य की कामना लिए और मां सरसवती का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विशेष स्लेट पूजन करवाते है. उसी के साथ विद्या आरम्भ संस्कार बच्चों का किया जाता है, लेकिन इस गुरु पूर्णिमा पर दर्शनों के लिए आने वाले श्रद्धालु को दर्शन नहीं मिल पाएंगे. श्रद्धालु सिर्फ ऑनलाइन सोशल मीडिया के माध्यम से ही दर्शन कर सकेंगे.

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