Heart Touching: एक बेटी की मां को अंतिम विदाई, व्यथा सुन रोने पर मजबूर हो जाएंगे आप
Advertisement

Heart Touching: एक बेटी की मां को अंतिम विदाई, व्यथा सुन रोने पर मजबूर हो जाएंगे आप

कोरोना वायरस महामारी ने कई लोगों को अपनों से दूर कर दिया, अभी भोपाल से कुछ दिनों पहले ही एक भावुक कर देने वाली तस्वीर सामने आई थी. जिसने सभी को झंकझोर कर रख दिया था.

Heart Touching: एक बेटी की मां को अंतिम विदाई, व्यथा सुन रोने पर मजबूर हो जाएंगे आप

भोपाल: कोरोना वायरस महामारी ने कई लोगों को अपनों से दूर कर दिया, अभी भोपाल से कुछ दिनों पहले ही एक भावुक कर देने वाली तस्वीर सामने आई थी. जिसने सभी को झंकझोर कर रख दिया था. दरअसल एक बेटी अपनी कोरोना संक्रमित मां को खोने के बाद श्मशान पहुंचे फोटोग्राफर से चिल्लाते हुए कहती है कि ''भैया, मेरी मां का फोटो निकालो देखों वो धुएं के बीच बैठकर जा रही है, आप जल्दी से निकालो फोटो नहीं तो वो दूर हो जाएगी.'' बेटी की भावनाओं की कदर करते हुए भोपाल के फोटोग्राफर संजीव गुप्ता ने चिता से निकलते धुएं को कैद कर लिया था. 

Negative होने पर दें Positivity: MP में स्वस्थ हुए मरीजों के साथ नई पहल, 'पौधे लगाकर लौटाइए Oxygen'

दरअसल अब उसी बेटी दिव्या ने अपनी मां को खोने के बाद एख भावुक कविता लिखी है, जिसे उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर शेयर किया है. बेटी अपनी पंक्तियों में मां के अंतिम सफर को लिखती है कि देखते ही देखते वो..देखो धुआँ बन कर उड़ चली..

फोटोग्राफर ने क्लिक की भावुक क्षण की तस्वीर
शमशान घाट पर कैमरे की नजर से देख रहे फोटोग्राफर के लिये ये अचानक आयी किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं थी. संजीव ने विद्युत शवदाह गृह से निकल रहे धुएं की लंबी लकीर की फोटो तो ली ही साथ मे शोक में डूबे एक दूसरे का हाथ थामे खड़े पति-पत्नी दीपक और दिव्या की फोटो भी खींच ली. 

fallback

दिव्या के पिता रिटायर्ड कलेक्टर
बता दें कि खंडवा में दिव्या के पिता रिटायर्ड डिप्टी कलेक्टर जेके जैन हैं, वह अपनी पत्नी मीना के साथ रहते हैं. लेकिन अचानक कोरोना से दोनों की तबीयत खराब होती है, और वह भोपाल के हमीदिया में भर्ती हो जाते है. दिव्या अपने मां पापा को देखने कोतमा से भोपाल आते है. मां की तबीयत ज्यादा बिगड़ती है और शाम को हार्ट अटैक से उनकी मौत हो जाती है. 

मवई नदी में अवैध रेत खनन सिर्फ चुनावी मुद्दा, ग्रामीणों ने तहसीलदार और टीआई को घेरा

मां कि याद में लिखी दिव्या ने भावुक कविता

तेरा सफर इतना ही था
अब लो वो तो अपने घर चली
मेरी सिसकियाँ तुझे बुला रहीं..
लो वो कह के विदा चली...
देखते ही देखते वो..
देखो धुआँ बन कर उड़ चली...
मै जब भी देखूं आसमां..
दिखती मुझे है मेरी माँ
याद आते हैं वो बचपन के
हर एक पल मुझको माँ
अनगिनत अहसान मुझ पर
करके तू यूं कहां चली
देखते ही देखते... उड़ चली
ये कोरोना काल है
तुझको तो माँ मालूम था
वंदना करने की तीन
दिल में ये अरमान था..
अब करुँगी देवो के संग
कह के दो ही कर चली
देखते ही देखते.. उड़ चली.
माँ हमारा ये प्रणाम
आखिरी स्वीकर कर..
परलोक जाकर भी
मुझ पर एक और अहसान कर
हर जन्म मेरी तू मां हो
मेरी अरज स्वीकर कर..
हाथ रख कर सर में मेरे
अलविदा वो कर चली
देखते ही देखते वो..
देखो धुआँ बन कर उड़ चली...

आपकी बेटी
चिंकी उर्फ दिव्या

WATCH LIVE TV

Trending news