डबल मास्क पहनने से नाक और मुंह के जरिये शरीर में जाने वाले ड्रॉपलेट्स के संक्रमण को 90 फीसदी से ज्यादा तक रोका जा सकता है.
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नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच अब भारत के स्वास्थ्य विभाग ने चेतावनी देते हुए कहा है कि भारत में कोरोना की तीसरी लहर भी आने वाली है. जिसके बाद अब एक्सपर्ट्स, साइंटिस्ट और सरकार सभी Double Mask पर जोर दे रहे हैं. डबल मास्क यानी चेहरे पर मास्क के ऊपर एक और मास्क पहनना. विशेषज्ञों के मुताबिक ऐसा करने से हम कोरोना से काफी हद तक सुरक्षिक रह सकते है.
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90 प्रतिशत तक रोका जा सकता है
मीडिया रिपोर्टस् के मुताबिक अमेरिका के Centers for Disease Control and Prevention (CDC) ने मास्क को लेकर कहा था कि दो मास्क पहनना ज्यादा फायदेमंद है. इसे ही डबल मास्किंग नाम दिया गया है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, डबल मास्क पहनने से नाक और मुंह के जरिये शरीर में जाने वाले ड्रॉपलेट्स के संक्रमण को 90 फीसदी से ज्यादा तक रोका जा सकता है.
ऐसे किया परीक्षण
अमेरिकी स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक सीधे तरह से सर्जिकल मास्क पहनने से कफ की छींटों से सिर्फ 56.1 फीसदी ही बचाव होता है, जबकि कपड़े का मास्क इससे सिर्फ 51.4 फीसदी ही बचाव कर पाता है. वहीं दूसरी तरफ मास्क को गांठ लगा कर पहनने से कफ की छीटों से 77 फीसदी तक बचाव होता है. एक कपड़े का मास्क और सर्जिकल मास्क एक साथ पहनने से संक्रामक कणों से 85.4 फीसदी तक बचाव हो सकता है.
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कौन सा मास्क न पहनें
कोरोना से बचाव के लिए लोगों को ऐसा मास्क बिल्कुल नहीं पहनना चाहिए, जो चेहरे पर फिट न हो या ज्यादा टाइट या ज्यादा ढीला हो. अगर मास्क पहनकर तेजी से सांस ली जाए और हवा का दबाव आंखों पर पड़े तो इसका मतलब है कि डबल मास्किंग में भी हवा का फ्लो ठीक बना है.
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