इंदौर में मिलेगा नाइट सफारी का आनंद! इस अभ्यारण्य को पर्यटन के बड़े केंद्र के रूप में विकसित करेगी सरकार
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इंदौर में मिलेगा नाइट सफारी का आनंद! इस अभ्यारण्य को पर्यटन के बड़े केंद्र के रूप में विकसित करेगी सरकार

इंदौर के रालामंडल अभयारण्य में "नाइट सफारी" की तैयारी में जुटा प्रशासन

 

रालामंडल अभयारण्य में "नाइट सफारी" की तैयारी

इंदौर: इंदौर शहर की एक शानदार जगह रालामण्डल वन्यजीव अभ्यारण्य (Ralamandal wildlife sanctuary) है, जो चारों तरफ से जगलों से घिरा हुआ है. आप अगर इंदौर शहर में जंगल जैसा परिदृश्य देखना चाहते है तो यहां पर आकर आप इसे महसूस कर सकते है. अब यहां आपको एक नया आनंद भी मिलने जा रहा है. दरअसल मध्य प्रदेश सरकार इंदौर के रालामंडल अभयारण्य को पर्यटन के बड़े केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना पर काम कर रही है. इसके लिए अभयारण्य में "नाइट सफारी" शुरू करने पर भी विचार किया जा रहा है.

इंदौर शहर से 12 किलोमीटर की दूरी पर रालामंडल अभ्यारण्य मौजूद है. इस अभ्यारण्य का क्षेत्रफल 262 वर्ग फीट है. इस अभ्यारण्य की स्थापना होलकर महाराज के समय की गई थी. यह उनके मनोरंजन की एक प्रमुख जगह थी.

शहर के सीमावर्ती वन्य क्षेत्र रालामंडल अभयारण्य में जल्द ही पर्यटक नाइट सफारी का आनंद सकेंगे. इसके लिए एक कार्ययोजना तैयार की जा रही है. एक महीने में ही इसे शुरू किया जाएगा. ऐसे ही उमरीखेड़ा में इको टूरिज्म व एडवेंचर पार्क बनाने पर विचार किया जा रहा है.

वल्लभ भवन भोपाल में जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, वन मंत्री व पर्यटन संस्कृति मंत्री की इसी मुद्दे को लेकर बैठक हुई. इसमें रालामंडल अभयारण्य के विकास के साथ उमरीखेड़ा में एडवेंचर पार्क, ट्रेकिंग ट्रैक बनाने के संबंध में चर्चा हुई. सिलावट ने उमरीखेड़ा में इको टूरिज्म पार्क बनाने के लिए कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए हैं.

रालामंडल अभयारण्य में भी नियमानुसार सारी व्यवस्थाएं बनाई जाएगी. इसके लिए सीसीएफ(CCF) और डीएफओ(DFO) को विस्तृत कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं. इंदौर में इको टूरिज्म में अनेक संभावनाएं हैं, जिसके लिए वन विभाग काम कर रहा है. स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ वन्य जीव जंतुओं, लग्जरी रेस्तरां में रुकने की व्यवस्थाएं और एडवेंचर पार्क के साथ पैदल व साइकिल ट्रैक की संभावनाओं के संबंध में भी चर्चा की जाएगी. इसके लिए पीपीपी मोड में काम के लिए भी विचार किया जाएगा जिससे इंदौर व्यवसायिक राजधानी होने के साथ इको टूरिज्म क्षेत्र में भी पहचाना बना सके.

रालामंडल अभयारण्य में नाइट सफारी से इंदौर के प्रति लोगों का आकर्षण बढ़ेगा. महू में भी पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं. इसके लिए भी जल्दी ही क्षेत्र का भ्रमण कर कार्ययोजना बनाई जाएगी. उमरीखेड़ा के साथ सिमरोल क्षेत्र को भी जोड़ने से इंदौर में पर्यटन का बेहतर स्थल बन जाएगा. जिला स्तर से प्रस्ताव आते ही रालामंडल में नाइट सफारी को अनुमति दे दी जाएगी. रालामंडल में छूटे हुए क्षेत्र में 15 फीट की जाली लगाई जाएगी. रहवासी क्षेत्रों में जंगली जानवरों को आने से रोकने के लिए भी व्यवस्था की जाएगी.
रालामंडल अभयारण्य में डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से तितली उद्यान भी बनाया जाएगा. इसके साथ ही, अभयारण्य की पहाड़ी से नजदीकी देवगुराड़िया पहाड़ी तक केबल कार चलाने पर भी विचार किया जा रहा है.

प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह ने रालामंडल अभयारण्य के दौरे के बाद संवाददाताओं को बताया कि  अभयारण्य में अन्य जगहों से जंगली जानवर लाकर भी छोड़े जा सकते हैं लेकिन इससे पहले स्थानीय लोगों और जन प्रतिनिधियों को विश्वास में लिया जाएगा.

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