पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर हाईकोर्ट सख्त, पेट्रोलियम मंत्रालय समेत तेल कंपनियों को भेजा नोटिस
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पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर हाईकोर्ट सख्त, पेट्रोलियम मंत्रालय समेत तेल कंपनियों को भेजा नोटिस

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जबलपुर हाईकोर्ट (फाइल फोटो)

जबलपुरः आजकल पेट्रोल डीजल की बढ़ी कीमतों का मुद्दा गरमाया हुआ है. अब इस मुद्दे पर जबलपुर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है. डीजल और पेट्रोल में एथेनॉल मिलाकर बेचे जाने के मामले को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय समेत तेल कंपनियों को नोटिस जारी कर इस मुद्दे पर जवाब मांगा है.

यह है पूरा मामला
जबलपुर के नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की ओर से हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है, इस याचिका में कहा गया है कि राष्ट्रीय जैव ईधन योजना के तहत पेट्रोल और डीजल में 5 से 7% एथेनॉल मिलाया जा रहा है. इसके बावजूद डीजल और पेट्रोल की तुलना में सस्ते एथेनॉल की ज्यादा कीमत वसूली जा रही है. जिसका सीधा असर जनता की जेब पर पड़ रहा है.

पेट्रोल-डीजल में मिलाया जा रहा 5 से 7% एथेनॉल
याचिका में कहा गया है कि पिछले 5 सालों से 5 से 7% एथेनॉल का मिश्रण पेट्रोल-डीजल में किया जा रहा है. बाजार में एथेनॉल की कीमत पिछले 5 वर्षों के दौरान 40 से 58 रुपए प्रति लीटर रही है. लेकिन इतने ही सालों में पेट्रोल और डीजल की कीमत 65 से लेकर 100 रुपए तक दर्ज की गई है. ऐसे में याचिका के माध्यम से यह कहा गया है कि एथेनॉल मिश्रण के नाम पर जनता से ज्यादा पैसा लिया जा रहा है. याचिका में कहा गया है कि बिना किसी पॉलिसी के तहत एथेनॉल की कीमत पेट्रोल डीजल में मिश्रण के बाद भी बढ़ी हुई कीमत वसूली जा रही है. जबकि एथनॉल की कीमत पेट्रोल डीजल की तुलना में 30 से 40 रुपए प्रति लीटर कम होती है.

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टैक्स भी ज्यादा वसूला जा रहा
एथेनॉल पर टैक्स की दर 5 से 7% है लेकिन पेट्रोल और डीजल के मिश्रण के पश्चात एथेनॉल पर टैक्स पेट्रोल और डीजल की तरह  25 से 35% वसूला जा रहा है. जो सरासर गलत है. उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के वकील की तरफ से दी गई इन दलीलों के बाद हाईकोर्ट ने मामले में सख्ती दिखाई है.

6 सप्ताह में देना होगा जवाब
जबलपुर हाईकोर्ट ने मामले की सुनावाई करते हुए याचिका में उठाए गए मुद्दों के बाद केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय समेत तेल कंपनियों नोटिस भेजकर पेट्रोल-डीजल में एथेनॉल के मिलाने के मुद्दे पर 6 सप्ताह में जवाब मांगा है. मामले पर अगली सुनवाई 16 अप्रैल तय की गई है.

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