नक्सलियों को बेची गईं जबलपुर सीओडी में बनी एके47 राइफल्स! NIA की चार्जशीट में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
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नक्सलियों को बेची गईं जबलपुर सीओडी में बनी एके47 राइफल्स! NIA की चार्जशीट में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

जबलपुर ऑर्डिनेंस फैक्टरी का पूर्व आर्मोरर, असेंबल करके इन राइफलों को नक्सलियों को बेचता था.

AK47 वेपन्स चोरी

कर्ण मिश्रा/जबलपुर: मध्य प्रदेश के जबलपुर सेंट्रल ओर्डिनेंस डिपो COD से AK47 चोरी का मामला सामने आया है. NIA ने मामले की चार्जशीट पटना स्पेशल कोर्ट में दाखिल कर ली है. जबलपुर से पटना तक के कनेक्शन पर चार्जशीट में क्या खुलासा हुआ ये आपको बताते है.

AK47 वेपन्स चोरी
जबलपुर से जुड़ी ये बड़ी खबर है कि सेना के लिए बनी AK 47 हथियारों की तस्करी मामले में NIA ने मामले की चार्जशीट पटना स्पेशल कोर्ट मे दाखिल कर दी है. आपको बता दे कि जबलपुर के सेंट्रल ओर्डिनेंस डिपो COD से बड़ी संख्या में AK47 वेपन्स चोरी की गई थी. जानकारी के अनुसार NIA ने अपनी जांच में ये पाया है कि चुराये गए AK 47 हथियारों को नक्सलियों और अन्य आरोपियों को सप्लाई किया गया था.

एक्स आर्मोरर था शामिल
साथ ही मामले में COD फ़ैक्टरी के अधिकारी और पूर्व अधिकारियों की मिली भगत की जानकारी की भी पुष्टि की गई है. जांच में सामने आया है कि फैक्ट्री के एक्स आर्मोरर पूर्षोत्तम लाल रजक और फ़ैक्टरी में कार्यरात सीनियर स्टोर मैनेजर सुरेश ठाकुर का इस पूरे नेक्सस में हाथ रहा है.

बिहार के मुंगेर से सामने आया था मामला
गौरतलब है कि 29 अगस्त 2019 को बिहार के मुंगेर से सामने यह मामला सांमने आया था. इस दौरान जबलपुर में भी 3 AK47 हथियार जब्त किए गए थे. जानकारी सामने आई थी कि COD के सीएसएसडी सेक्शन से 47 हथियार बिहार के मुंगेर सप्लाई किये गए थे. वही प्रति AK47 की डील 5-5 लाख रुपय में की जाती थी. इस पूरे घटनाक्रम के दौरान NIA ने अब तक 22 AK47 बरामद की है. और यह स्पष्ट किया है कि बिहार और झारखंड के नक्सलियों को सेना की AK 47 सप्लाई की गई है.

पुलिस ने निभाई थी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
सेंट्रल ऑर्डनेंस डिपो से AK-47 तस्करी मामले के तार सामने आने पर जबलपुर पुलिस ने उस दौरान कार्रवाई करते हुए COD स्थित सीनियर स्टोर मैनेजर सुरेश ठाकुर का दफ्तर सील कर दिया था. वहीं सीओडी फैक्टरी में पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने पूरे दस्तावेजों को खंगाला और एक डायरी जब्‍त की थी. जिसमें इस तस्करी से जुड़ी कई अहम जानकारियां पुलिस के हाथ लगी थी. जिसके आधार पर NIA को अपनी चार्जशीट दायर करने में काफी मदद मिली.

कोर्डवर्ड में चलता था खेल
आपको बता दे कि पुलिस को डायरी में से एके-47 समेत अन्य उपकरणों की सप्लाई और लेन-देन का ब्यौरा मिला था. डायरी से मिले डाटा से पता चला था कि तस्करी का यह खेल पूरी तरह से कोडवर्ड पर खेला जाता था. इन कोडवर्डस को सुलझाने के लिए पुलिस ने मिलिट्री इंटेलीजेंस की मदद ली थी. न केवल जबलपुर बल्कि देश के अन्य सुरक्षा संस्थानों में भी तस्करी के तार जुड़े होने की संभावना पर जांच का दायरा भी बढ़ाया जा चुका है.

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