जूडा की हड़ताल के चलते बढ़ती जा रही तल्खी, सरकार ने चेताया- 24 घंटे में काम पर नहीं लौटे तो चुकाने होंगे बांड के 30 लाख
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जूडा की हड़ताल के चलते बढ़ती जा रही तल्खी, सरकार ने चेताया- 24 घंटे में काम पर नहीं लौटे तो चुकाने होंगे बांड के 30 लाख

मध्य प्रदेश में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल 6 दिन से जारी है. 

जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल 6 दिन से जारी

भोपालः मध्य प्रदेश में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के बाद डॉक्टरों और सरकार के बीच मामला अब बढ़ता जा रहा है. आज कई जूनियर डॉक्टरों ने एक साथ सामूहिक इस्तीफा दे दिया. हड़ताल 6 दिन से जारी है. जबकि 24 घंटे में डॉक्टरों को काम पर वापस लौटने का आदेश दिया गया था. जिसके बाद सरकार ने भी इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है. 

बांड के तौर पर भरने होंगे 30 लाख रुपए 
हाईकोर्ट के निर्देश के अनुसार अगर जूनियर डॉक्टर 24 घंटे पूरे होने के बाद भी काम पर वापस नहीं आए हैं. नियम के अनुसार सीट छोड़ने वाले जूनियर डॉक्टर को बांड के अनुसार 10 से 30 लाख रुपए भरने होंगे. 

यह हैं हाईकोर्ट के नियम

  • यूजी और पीजी में नीट से सिलेक्टेड स्टूडेंट्स को मेडिकल व डेंटल कॉलेजों में मैरिट के आधार पर एडमिशन के लिए  "मध्यप्रदेश चिकित्सा शिक्षा प्रवेश नियम-2018'' के अनुसार पढ़ाई होती है. अगर कोई छात्र इन नियमों का उल्लंघन करता है और अपनी सीट छोड़ता है तो यह बांड का नियम उस पर प्रभावी होता है. 
  • मेडिकल कॉलेज की सीट छोड़ने पर पूरी पढ़ाई की फीस जमा करनी पड़ती है. 
  • सीट से इस्तीफा देने पर बांड की 10 लाख रुपये की राशि स्वशासी संस्था को देनी पड़ती है. 
  • निजी मेडिकल कॉलेज या सरकारी मेडिकल कॉलेज की सीट पर त्याग-पत्र देने से पूरी पढ़ाई की फीस भरनी पड़ेगी 
  • यह सब नियम ''मध्यप्रदेश चिकित्सा शिक्षा प्रवेश नियम-2018'-और संशोधन 19 जून, 2019 के अनुसार है. 

जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से स्वास्थ्य सुविधाएं ठप्प 
डॉक्टरों की हड़ताल से प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाएं बिगड़ने लगी हैं. जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि इससे पहले जब उन्होंने हड़ताल शुरू की थी. तब चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने उन्हें आश्वासन दिया था कि उनकी मांगे मानी जाएगी. लेकिन 23 दिन बीत जाने के बाद भी सरकार ने उनकी मांगों पर कोई विचार नहीं किया है. कोरोना मरीजों का इलाज करते हुए इस बीच कई डॉक्टरों की मौत भी हो गई. ऐसे में उन्हें मजबूरी में फिर से हड़ताल शुरू करनी पड़ी है. 

अन्य डॉक्टर एसोशिएशन भी दे रहे समर्थन 
जूडा के समर्थन में एसआर और जेआर के बाद अब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन भी आ गया है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि जूनियर डॉक्टरों ने कोरेाना जैसे संकट में जान जोखिम में डाल कर मरीजों की सेवा की है. अब उनकी मांग पूरी करने की बजाय सरकार उत्पीड़न कर रही है. ऐसा ही रहा तो आईएमए से जुड़े सभी डॉक्टर भी हड़ताल में शामिल हो जाएंगे.

जूनियर डॉक्टरों की 6 सूत्रीय मांगे 

  • 6 फीसदी वेतन हर साल बढ़ाया जाए 
  • वेतन में बढ़ोतरी कर इसे 55 हजार, 57 हजार, 59 हजार से बढ़ाकर 68 हजार 200, 70 हजार 680 और 73 हजार 160 किया जाए 
  • कोविड वार्ड में ड्यूटी करने वाले डॉक्टरों को सरकारी नियुक्ति में 10 फीसद ज्यादा नंबर दिए जाएं 
  • कोविड ड्यूटी को एक साल की अनिवार्य ग्रामीण सेवा मानकर बांड से मुक्त किया जाए
  • कोविड में काम करने वाले डॉक्टरों व उनके स्वजन के लिए अस्पताल में इलाज की अलग व्यवस्था हो

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