मध्य प्रदेश में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल 6 दिन से जारी है.
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भोपालः मध्य प्रदेश में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के बाद डॉक्टरों और सरकार के बीच मामला अब बढ़ता जा रहा है. आज कई जूनियर डॉक्टरों ने एक साथ सामूहिक इस्तीफा दे दिया. हड़ताल 6 दिन से जारी है. जबकि 24 घंटे में डॉक्टरों को काम पर वापस लौटने का आदेश दिया गया था. जिसके बाद सरकार ने भी इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है.
बांड के तौर पर भरने होंगे 30 लाख रुपए
हाईकोर्ट के निर्देश के अनुसार अगर जूनियर डॉक्टर 24 घंटे पूरे होने के बाद भी काम पर वापस नहीं आए हैं. नियम के अनुसार सीट छोड़ने वाले जूनियर डॉक्टर को बांड के अनुसार 10 से 30 लाख रुपए भरने होंगे.
यह हैं हाईकोर्ट के नियम
जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से स्वास्थ्य सुविधाएं ठप्प
डॉक्टरों की हड़ताल से प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाएं बिगड़ने लगी हैं. जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि इससे पहले जब उन्होंने हड़ताल शुरू की थी. तब चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने उन्हें आश्वासन दिया था कि उनकी मांगे मानी जाएगी. लेकिन 23 दिन बीत जाने के बाद भी सरकार ने उनकी मांगों पर कोई विचार नहीं किया है. कोरोना मरीजों का इलाज करते हुए इस बीच कई डॉक्टरों की मौत भी हो गई. ऐसे में उन्हें मजबूरी में फिर से हड़ताल शुरू करनी पड़ी है.
अन्य डॉक्टर एसोशिएशन भी दे रहे समर्थन
जूडा के समर्थन में एसआर और जेआर के बाद अब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन भी आ गया है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि जूनियर डॉक्टरों ने कोरेाना जैसे संकट में जान जोखिम में डाल कर मरीजों की सेवा की है. अब उनकी मांग पूरी करने की बजाय सरकार उत्पीड़न कर रही है. ऐसा ही रहा तो आईएमए से जुड़े सभी डॉक्टर भी हड़ताल में शामिल हो जाएंगे.
जूनियर डॉक्टरों की 6 सूत्रीय मांगे
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