भोपालः मध्य प्रदेश में बीजेपी एक तरफ जहां 22 अप्रैल को अमित शाह के दौरे की तैयारियों में जुटी है. तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस से भी एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जो प्रदेश के कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम कर सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि यह तस्वीर 2023 के विधानसभा चुनाव के नजरिए से बेहद अहम मानी जा रही है. क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बंगले पर हुई एक बैठक के जरिए बड़ा संदेश देने की कोशिश की गई है. 


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कमलनाथ ने की दिग्गजों के साथ बैठक 
20 अप्रैल को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निवास पर प्रदेश कांग्रेस के 6 नेताओं की बड़ी बैठक हुई. जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव, सुरेश पचौरी, कांतिलाल भूरिया और पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह शामिल हुए. बैठक के एक दिन पहले ही कमलनाथ कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात भी की थी. जिसके बाद यह बैठक आयोजित की गई. 


2023 के लिए संदेश देने की कोशिश 
दरअसल, मध्य प्रदेश कांग्रेस में कई मौकों पर बड़े नेताओं के बीच अनबन की खबरें सामने आ चुकी हैं. लेकिन कमलनाथ के घर हुई बैठक में सभी नेता एकजुट नजर आए. जिससे यह संदेश देने की कोशिश हुई कि पार्टी में सबकुछ ठीक चल रहा है. क्योंकि पिछले कुछ मौकों पर दिग्विजय सिंह, अरुण यादव और अजय सिंह की कमलनाथ के साथ तल्खी की खबरे चर्चा में रही थी. लेकिन कमलनाथ के बंगले पर हुई इस बैठक में यह भी संदेश देने की कोशिश की गई है 2023 का विधानसभा चुनाव कमलनाथ के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा. 



कमलनाथ ही कांग्रेस का चेहरा 
दरअसल, 2018 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने कमलनाथ की अध्यक्षता में तमाम दिग्गजों ने एकजुट होकर चुनाव लड़ा था, जिससे पार्टी ने 15 साल बाद वापसी की थी. ऐसे में एक बार फिर कांग्रेस कमलनाथ के नेतृत्व में ही 2023 का विधानसभा चुनाव लड़ने का मन बना चुकी है. कमलनाथ लगातार शिवराज सरकार के खिलाफ मुखर भी नजर आ रहे हैं. राजनीतिक जानकारों का भी मानना है कि कमलनाथ के घर पर जुटे इन राजनेताओं का प्रदेश में व्यापक जनाधार है ऐसे में कमलनाथ को अगर इन सबका साथ मिलता है तो उनकी राह आसान हो जाएगी. 


बैठक के सियासी मायने 
बताया जा रहा है कि पहले कांग्रेस के दूसरे बड़े नेता भी इस बैठक में शामिल होने वाले थे. लेकिन आखिरी वक्त में बड़े नेताओं के बीच ही बैठक हुई. जिसके जरिए न केवल पार्टी में ''आल इज वेल'' का मैसेज दिया गया. बल्कि लगे हाथ जातिगत और सियासी समीकरण पर भी यह संदेश देने की कोशिश हुई कि कांग्रेस हर वर्ग को साथ लेकर चलेगी. दिग्विजय सिंह, अरुण यादव, कांतिलाल भूरिया, सुरेश पचौरी और अजय सिंह पार्टी के बड़े नेता है, यानि अब पार्टी में सभी क्षत्रपों व नेताओं के बीच एकता का संदेश आमजन को देने की योजना बनाई जा रही है. ऐसे में आने वाले कुछ समय में यह सभी दिग्गज नेता प्रदेशभर में बड़ी रैलियां और सभाएं भी कर सकते हैं. जिसमें एक ही मंच पर सभी बड़े नेता दिखेंगे. 


इसके अलावा पिछले कुछ दिनों से इस बात की चर्चा भी चलल रही है कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की जल्द ही कांग्रेस में एंट्री हो सकती है. क्योंकि प्रशांत किशोर सोनिया गांधी के सामने अपना विजन रख चुके हैं. इस दौरान कमलनाथ और दिग्विजय सिंह भी मौजूद थे. माना जा रहा है कि अगर प्रशांत किशोर कांग्रेस में आते हैं तो उनका मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी भूमिका अहम हो सकती है. इस बैठक में इस मुद्दे पर भी चर्चा हुई है. 


हो सकते हैं बड़े बदलाव 
इसके अलावा राजनीतिक जानकारों मानना है कि अभी चुनाव में 18 महीनों का समय है. लेकिन अभी से कमलनाथ को चेहरा घोषित करने से पार्टी को फायदा हो सकता है. माना जा रहा है कि कमलनाथ आने वाले कुछ दिनों में संगठन में कुछ बड़े बदलाव भी कर सकते हैं. दरअसल, कांग्रेस इस बार चुनाव में कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती है. अरुण यादव, अजय सिंह, कांतिलाल भूरिया, सुरेश पचौरी ऐसे नेता हैं जिनकी अपने-अपने क्षेत्र में मजबूत पकड़ मानी जाती है. ऐसे में इन नेताओं को उनके क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा सीटें लाने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. 


विधायकों को क्षेत्र में सक्रियता बढ़ाने के निर्देश 
इसके अलावा कमलनाथ ने कांग्रेस के सभी विधायकों को क्षेत्र में सक्रियता बढ़ाने के निर्देश दिए है. ताकि अभी से जमीन मजबूत की जाए. इसके अलावा पार्टी ने सभी 6 अंचलों मालवा-निमाड़, ग्वालियर चंबल, विंध्य, मध्य भारत, महाकौशल और बुंदेलखंड रीजन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मजबूती से काम करने के निर्देश दिए हैं. 


राज्यसभा चुनाव पर भी मंथन 
इसके अलावा प्रदेश की तीन राज्यसभा सीटों पर जल्द ही चुनाव होने है. विधायकों की संख्या बल के हिसाब से एक सीट कांग्रेस को मिलेगी. कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा का कार्यकाल पूरा होने के बाद कांग्रेस में अब नए नाम पर भी विचार चल रहा है. माना जा रहा है कि इस बैठक में राज्यसभा प्रत्याशी पर भी मंथन हुआ है. क्योंकि कांग्रेस में कई नेता राज्यसभा के लिए दावेदार है. लेकिन पार्टी का मानना है कि जिस चेहरे पर मुहर लगाई जाए उस पर सभी राजी हो. 


दरअसल, कमलनाथ के आवास पर हुई इस बैठक के जरिए कार्यकर्ताओं को सीधा मैसेज यही दिया गया है कि पार्टी में सबकुछ ठीक है. यानि अब फोकस केवल चुनाव पर रखना है. यही वजह है कि इस तस्वीर को कांग्रेस के नजरिए से बेहद अहम माना जा रहा है. 


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