`किडनी पेशेंट विलेज`: 1300 आबादी वाला एक गांव, जहां बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्ग तक किडनी के रोगी
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`किडनी पेशेंट विलेज`: 1300 आबादी वाला एक गांव, जहां बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्ग तक किडनी के रोगी

 यहां ऐसा कोई घर नहीं है, जहां किडनी के मरीज न मिलें हो क्या बच्चे क्या बुजुर्ग सब किडनी रोगी है. 

`किडनी पेशेंट विलेज`: 1300 आबादी वाला एक गांव, जहां बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्ग तक किडनी के रोगी

गरियाबंद: गरियाबंद का सुपेबेड़ा गांव इस गांव को अगर किडनी रोगियों का गांव कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी. राजधानी रायपुर से 230 किलोमीटर दूर स्थित करीब 1,300 लोगों की आबादी वाले इस गांव में साल 2005 से मौत का सिलसिला लगातार चालू है. यहां ऐसा कोई घर नहीं है, जहां किडनी के मरीज न मिलें हो क्या बच्चे क्या बुजुर्ग सब किडनी रोगी है. 

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बीते डेढ़ दशक में 130 लोगों की मौत
किडनी की बीमारी से सुपेबेडा सहित आसपास के नौ गांव में सोमवार जो मौत हुई है, उसके बाद बीते 5 सालों मौत का आंकड़ा 91 पर पहुंच गया है. वहीं ग्रामीणों की माने तो बीते डेढ़ दशक में इस छोटे से गांव के 130 लोग किडनी रोगों के चलते दम तोड़ चुके हैं. वहीं 200 से ज्यादा ग्रामीण अभी भी किडनी की बीमारी से जुझ रहे है, और मौतों का सिलसिला और बीमार लोगों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. 

गांव के पानी में फ्लोराइड की मात्रा अधिक
गांव में किडनी की बीमारी का पता लगाने के लिए केन्द्र सरकार और राज्य सरकार के साथ  इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने भी अपनी रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि की कि पानी में हैवी मेटल और फ्लोराइड घुला हुआ है. जिस वजह से किडनी खराब हो रही है. वहीं इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा की गई गांव की मिट्टी की जांच में कैडमियम, क्रोमियम और आर्सेनिक जैसे भारी व हानिकारक तत्व पाए गए. ये सभी किडनी को नुकसान पहुंचाते हैं.

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भूपेश बघेल सरकार ने किया था वादा
इस गांव में किडनी खराबी के वजह से हो रही बेवजह मौतों की गूंज साल 2018 विधानसभा चुनावों से ठीक पहले सुनाई दी थी. तब मुख्यमंत्री बनने से पहले खुद भूपेश बघेल ने सुपेबेड़ा का दौरा किया और गांव से लौटने के बाद राजधानी रायपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा था कि ''चार महीने बाद जो चुनाव होगा उसमें कांग्रेस की सरकार बनेगी. हमारी सरकार सुपेबेड़ा के लोगों का अच्छा इलाज कराएगी. लोगों को हम मुआवजा भी देंगे और शुद्ध पेयजल की व्यवस्था भी करेंगे''. इस बयान के ठीक चार महीने बाद कांग्रेस की सरकार भारी बहुमत से बनी भूपेश बघेल सीएम भी बने लेकिन उनका यह वादा सरकार बनने के 2 साल बाद भी पूरा नहीं हो पाया है. 

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