नीलम पड़वार/ कोरबा: कोरोना का असर ही है कि अब मार्केट में व्यापारी लॉकडाउन के बाद हुए घाटे की भरपाई करने की जुगत में है. इसी के तहत छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में दूध की कीमतों में आने वाले 1 से 2 दिन में उबाल आ सकता है! दरअसल दूध उत्पादक संघ ने 5 रुपये प्रति लीटर बढ़ाकर दूध की कीमत 50 रुपये की करने की तैयारी कर ली है. इसके लिए दूध उत्पादक संघ द्वारा डेयरी संचालको पर दबाव बनाना भी शुरू कर दिया गया है. छोटे दुकानदार मान भी गए हैं जबकि बड़े व्यवसायी तैयार नहीं है. अगर बड़े व्यवसायी नही मानते हैं तो दूध उत्पादक संघ ने आपूर्ति ठप करने को भी तैयार है.


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कोरोना काल में बढ़ी महंगाई के बीच कोरबा में दूध की कीमत बढ़ने जा रहा है. यह पूरी तरह से तय हो चुका है कि कीमत में 5 रुपये बढ़ना ही हैं. शहर में सबसे अधिक दूध गोकुल नगर से सप्लाई होता है लेकिन गोकुल नगर के साथ-साथ शहर और उपनगरीय इलाकों के खटाल संचालकों ने एक मत होकर दूध का रेट बढ़ाने की ठान रखी है. दूध का रेट बढ़ाने की मंशा दूध उत्पादक संघ ने शहर के डेयरी संचालकों और मिष्ठान दुकानों को अवगत करा दिया है.


जिनका केवल दूध का व्यवसाय वह दूध उत्पादक संघ की शर्तों को मानने को तैयार है, लेकिन मिष्ठान विक्रेता नहीं चाहते कि दूध के रेट में बढ़ोतरी हो. जिसको लेकर दूध उत्पादक संघ और मिष्ठान विक्रेता संघ दोनों ही रेट को लेकर आपसी बैठक कर चुके हैं. और दोनों ही अपनी अपनी बातों में अड़े हुए हैं. दोनों अपना नुकसान बचाने की जुगत में हैं.


ऐसे में दुग्ध उत्पादक संघ हड़ताल पर जाने पर भी विचार कर रहा है और ऐसे बड़े दुकान जो रेट नहीं बढ़ाना चाहते उन की सप्लाई रोकने पर मंथन भी कर रहे हैं. दूध की कीमत में 5 रुपये बढ़ाने के पीछे तर्क देते हुए दूध व्यवसायी रामनारायण यादव कहते हैं कि चारे की कीमत बढ़ गई है. मवेशियों के रेट बढ़ गया है साथ ही पेट्रोल-डीज़ल के रेट बढ़ने से ट्रांस्पोर्टिंग का भी रेट बढ़ गया है. जो चारा पहले 600 रुपये क्विंटल तक मिल जाता था आज इसकी कीमत 800 प्रति क्विंटल हो गई है.


इस मसले को लेकर मिष्ठान विक्रेता संघ द्वारा अलग से एक बैठक रखी गई. जहां दूध के रेट को लेकर व्यवसाईयों ने अपनी बात रखी. सभी का कहना था कि करीब 50 दिन तक lockdown में दुकान बंद होने से उन्हें पहले ही काफी नुकसान हो चुका है जबकि दूध लगातार बिक रहा था. इसलिए दूध सप्लाई करने वालों किसी भी तरह से नुकसान नहीं हुआ है. बावजूद इसके दूध उत्पादक संघ रेट बढ़ाने को आतुर है.


मिष्ठान विक्रेता संघ के अध्यक्ष रामकुमार साहू ने बताया कि दूध के दाम में 5 रुपये की बढ़ोतरी होने से मिठाई के दाम में 20 से 30 रुपये तक की बढ़ोतरी हो जाएगी. ना केवल मिठाई बल्कि पनीर, खोवा सहित सभी सामग्री के रेट बढ़ जाएंगे.


ऐसे में लोगों पर सबसे अधिक भार बढ़ जाएगा और लोग मिठाई लेना कम कर देंगे. बावजूद मिष्ठान विक्रेता संघ दूध में 3 रुपये की बढ़ोतरी तक की मंजूरी दे दी है. अगर दूध उत्पादक संघ 3 रुपये पर सहमत नहीं होता है तो फिर प्रशासन से गुहार लगाई जाएगी ताकि प्रशासन दूध का रेट तय करें.


गौरतलब है कि मिष्ठान विक्रेता संघ दूध के रेट में 3 रुपये की बढ़ोतरी की स्वीकृति दे चुकी है. अब देखना यह है कि क्या 3 रुपये बढ़ोतरी को लेकर दोनों संघों के बीच सामंजस्य बन पाता है या फिर मिष्ठान विक्रेता संघ को प्रशासन का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा. बहरहाल दोनों संघों के बीच किसी भी दर पर सामंजस्य बने आम जनता को आने वाले दिन में दूध और मिठाई खरीदने के लिए अधिक पैसा देना पड़ेगा यह तय है.


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