पानी नहीं तो शादी नहीं, पानी की किल्लत बना कुंवारों के विवाह में रोड़ा
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पानी नहीं तो शादी नहीं, पानी की किल्लत बना कुंवारों के विवाह में रोड़ा

गांव में पानी की समस्या देख बेटी देना मुनासिब नहीं समझते हैं माता-पिता

पानी की किल्लत

नीलम पड़वार/कोरबा: कोरबा में एक गांव ऐसा है जहां बदहाल सरकारी तंत्र नौजवान लड़कों के विवाह में बाधक साबित हो रहा है. लोग अपनी बेटी का रिश्ता जोड़ने से कतराते है. दरअसल गांव में पानी की विकराल समस्या है. लोगों को पीने का पानी के लिए संघर्ष करना पड़ता है. करीब 2 किमी दूर नाले के पानी से निस्तारी करने की मजबूरी है. गांव में पानी की विकट समस्या को देखते हुए लोग गांव में अपनी बेटी का विवाह करना भी पसंद नही करते.

पानी की विकराल समस्या है
आजादी के 74 साल बाद भी कोरबा जिले में एक ऐसा गांव है जो मूलभूत सुविधाओं के लिए शासन-प्रशासन की बाट जोह रहा है. ये बदहाल तस्वीर कोरबा विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत डोंगदरहा के आश्रित ग्राम सलिहाभांठा की है. यहां ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल व निस्तारी के लिए भटकना पड़ता है. गांव में लगे हैंडपंपों से लाल पानी निकलता है. ग्रामीणों की माने तो भूजल स्तर नीचे गिरने से इस गांव में पानी की विकराल समस्या है. इस समस्या को देखते हुए गांव में लोग अपनी बेटी की शादी करने से कतराते हैं. इस गांव में निस्तारी व शुद्ध पेयजल की समस्या इस कदर विकराल हो चुका है कि अन्य गांव के लोग यहाँ अपनी बेटी की शादी करने से कतराते हैं.

स्थिति और भी खराब
2 किमी दूर स्थित नाले में निस्तारी को मजबूर ग्रामीण
गौरतलब है कि गांव में 2 तालाब है. एक सरकारी तो दूसरा निजी तालाब. सरकारी तालाब पूरी तरह से सूख चुका है और निजी तालाब के इस्तेमाल की मनाही है. ग्रामीण बताते हैं कि अब उन्हें निस्तारी के लिए रोजाना एक से दो किमी की दूरी में स्थित नाला जाना पड़ता है. जब किसी के घर में सामाजिक कार्य होता है उस समय स्थिति और भी खराब हो जाती है.

PHE को लिखा पत्र लेकिन नहीं हो रहा निराकरण
ग्राम सरपंच मालिकराम कंवर का कहना है कि पानी के लिए PHE को पत्र लिखा गया है पर अभी तक समस्या पर कोई विचार नही किया गया. वहीं जब हमने सरपंच से सवाल किया कि क्या वाकई पानी की समस्या शादी में रोड़ा बन रही है. इस सवाल पर सरपंच ने भी माना कि पानी की समस्या को देखते हुए यहां शादी विवाह में अड़चनें आती है.

शासन-प्रशासन जल्द से जल्द करें निराकरण
बहरहाल पानी की कमी से शादी ब्याह पर संकट के बादल छाना अच्छा संकेत नहीं है. शासन-प्रशासन को चाहिए कि जल्द से जल्द गांव की मूलभूत सुविधाओं की समस्या को दूर करें ताकि गांव के ग्रामीणों को निस्तारी और पीने के लिए शुद्ध पानी के साथ साथ सुगम आवागमन के लिए सड़क और बिजली की निर्बाध आपूर्ति हो सके. साथ ही गांव के कुंवारों के विवाह में अड़चन न आये.

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