उज्जैन: महाकाल मंदिर क्षेत्र के गर्भ में इतिहास अब गहराता जा रहा है. पुरातत्व अधिकारियों को 5वीं शताब्दी यानी 1700 से 2100 साल पुरानी ईटें, 9वीं 10वीं शताब्दी की विष्णु मूर्ति व 11वीं शताब्दी का जलाधारी शिवलिंग मिला है. हालांकि अब ये कोई नहीं बता नहीं है क्योंकि इससे पहले भी मंदिर का चबूतरा, दीवार, मंदिर की सामग्री हावन कुंड, शिव परिवार मूर्तियां, नर कंकाल व अन्य कई चीज़ें बाहर निकल चुकी है. अब दोबारा खुदाई में 2.6 फुट का शिवलिंग और विष्णु प्रतिमा व गुप्त कालीन ईंटें निकली हैं, जिसकी खूबसूरती देख हर कोई हैरान है. 


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दरअसल आज बुधवार अल सुबह मंदिर पहुंचे पुरातत्व अधिकारी ध्रुवेंद्र जोधा ने स्टडी कर बताया कि जो शिवलिंग है वो 2.6 फुट ऊपर है और उतना ही अंदर यानी 5 फुट का ये शिवलिंग है. ये शिवलिंग जलाधारी है जो कि 11वीं शातब्दी परमार कालीन ही है. वहीं इसमें आस-पास लगी ईंटें गुप्त कालीन की हैं. जो 5वीं शातब्दी की बताई जा रही है. फिलहाल उसपर अभी स्टडी चल रहा है. साथ मे एक छोटी सी विष्णु प्रतिमा निकली है जिसमें विष्णु चतुर्भुजी स्थानक मुद्रा में है और पद्म, गदा धारण किये हुए जिसमें वैजंती माला भी है. जो 10वीं शातब्दी की है.


खुदाई में मिल रहे अवशेष
महाकालेश्वर मंदिर के सामने वाले हिस्से में चल रही खुदाई में कई मंदिर के अवशेष मिले हैं. पुरातत्व विभाग की टीम बड़ी सावधानी से यहां पर अपना कार्य कर रही है. कुछ दिन पहले मंदिर के बाहर चल रही खुदाई के दीवारों पर नर कंकाल भी मिले थे, जो हजारों वर्ष पहले के बताए जा रहे थे.


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इल्तुमिश द्वारा आक्रमण हुआ
पुरातत्व अधिकारीयों व जानकारों का मानना है कि दिल्ली से आये आक्रामक इल्तुमिश द्वारा मंदिर पर आक्रमण किया गया था और तभी से मंदिर की ये दशा हुई जो अब खुदाई कार्य के दौरान निकल रही है.


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