किसानों के धरनास्थल पर बजी शहनाई, संविधान की शपथ लेकर एक दूजे के हुए दूल्हा-दुल्हन
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किसानों के धरनास्थल पर बजी शहनाई, संविधान की शपथ लेकर एक दूजे के हुए दूल्हा-दुल्हन

मध्य प्रदेश के रीवा में एक अनोखी शादी देखने को मिली. यहां एक जोड़े ने किसान आंदोलन के बीच धरना स्थल पर ही सात फेरे लिए. 

मंच पर दूुल्हा- दूल्हन.

रीवा:  मध्य प्रदेश के रीवा में एक अनोखी शादी देखने को मिली. यहां एक जोड़े ने किसान आंदोलन के बीच धरना स्थल पर ही सात फेरे लिए. यहां करहिया मंडी में पिछले 75 दिनों से किसान तीनों कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं. संयुक्त किसान मोर्चा के कोषाध्यक्ष और मध्य प्रदेश किसान सभा के महासचिव रामजीत सिंह ने अपने बेटे सचिन सिंह की शादी आंदोलन स्थल पर संपन्न कराई.

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दूल्हे के पिता रामजीत सिंह का कहना है कि धरना स्थल पर मैंने अपने बेटे के विवाह का आयोजन कर सरकार को यह संदेश दिया कि हम शादी और अन्य महत्वपूर्ण आयोजनों में भी धरना स्थल नहीं छोड़ने वाले. इतना ही नहीं दूल्हे के पिता ने कहा कि इस विवाह समारोह में मिलने वाली उपहार राशि भी किसान आंदोलन के लिए दान कर दी जाएगी. 

शादी का फैसला वर-वधू का ही
दरअसल यह यह शादी बहुत पहले तय हो गई थी. लेकिन किसान आंदोलन के चलते सचिन के पिता शादी के लिए समय नहीं निकाल पा रहे थे. सचिन और उनकी होने वाली पत्नी आसमा ने धरनास्थल पर ही शादी करने का सुझाव दिया. पिता रामजीत सिंह भी तैयार हो गए. इसके बाद यह शादी किसान धरनास्थल पर संपन्न हुई. 

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भीमराव अंबेडकर को साक्षी मान लिए सात फेरे
इस शादी समारोह में कोई सजावट नहीं की गई थी और ना ही बैंड-बाजा था. इस जोड़े ने अग्नि की जगह संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर और सावित्रीबाई फुले को साक्षी मानकर सात फेरे लिए हैं. शादी बौद्ध धर्म के अनुसार हुई. रामजीत सिंह ने कहा कि इस शादी के फैसले से हमने सरकार को साफ कर दिया है कि हम किसी भी कीमत पर धरना स्थल नहीं छोड़ेंगे. 

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