इस तरह की स्थिति तीन-चार दिन तक बनी रह सकती है. मौसम विज्ञानियों के मुताबिक बादल छाए रहने और बूंदाबांदी के कारण अधिकतम तापमान में कमी आएगी, लेकिन न्यूनतम तापमान में कुछ बढ़ोतरी होगी.
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भोपाल: आसपास के राज्यों के ऊपर चक्रवात बनने के कारण मध्य प्रदेश में मानसून पूर्व गतिविधियों की शुरुआत भी हो गई है. मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अलग-अलग स्थानों पर बने वेदर सिस्टम के कारण अरब सागर से आने वाली हवा अपने साथ नमी ला रही है. इस वजह से बादल छाने लगे हैं.
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मध्य प्रदेश के इन 6 संभागों में बारिश का अनुमान
हालांकि तापमान बढ़ने और उसके मुकाबले वातावरण में आर्द्रता कम होने के कारण धूल भरी तेज हवाएं चल रही हैं, लेकिन बारिश नहीं हो रही. मौसम विभाग ने रविवार को मध्य प्रदेश के भोपाल, इंदौर, जबलपुर, शहडोल, सागर, हाेशंगाबाद संभाग के जिलों में गरज-चमक के साथ बूंदाबांदी होने की संभावना जताई है.
तीन-चार दिन तक बनी रह सकती है यह स्थिति
इस तरह की स्थिति तीन-चार दिन तक बनी रह सकती है. मौसम विज्ञानियों के मुताबिक बादल छाए रहने और बूंदाबांदी के कारण अधिकतम तापमान में कमी आएगी, लेकिन न्यूनतम तापमान में कुछ बढ़ोतरी होगी. मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक वर्तमान में दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान के ऊपर एक प्रेरित चक्रवात बना हुआ है.
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इस वेदर सिस्टम के कारण पूर्वी मध्य प्रदेश तक एक ट्रफ लाइन (द्रोणिका) बनी हुई है. इस वजह से गुजरात और मध्य प्रदेश में अरब सागर से होकर आने वाली हवाएं अपने साथ नमी लेकर आ रही हैं. दक्षिण-मध्य महाराष्ट्र के ऊपर भी एक चक्रवात बना हुआ है. अफगानिस्तान और पाकिस्तान के ऊपर पश्चिमी विक्षाेभ सक्रिय हैं. इस वजह से धूल भरी हवाएं चलने और बूंदाबांदी का अनुमान है.
क्या है द्रोणिका (ट्रफ लाइन)
बादलों के बीच जब ठंडी और गर्म हवा आपस में मिलती है तो एक कम दबाव का क्षेत्र बनता है. उस सिस्टम से निकलने वाली पट्टी को द्रोणिका कहते हैं. इससे मौसम में अचानक ही बदलाव हो जाता है और तेज हवा के साथ बारिश होती है.
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