Tokyo Olympic: जान लगा दी छोरियों ने, पिछड़ने के बाद दागे 3 गोल, पदक से चूकीं; PM मोदी बोले- आप युवाओं की प्रेरणा
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Tokyo Olympic: जान लगा दी छोरियों ने, पिछड़ने के बाद दागे 3 गोल, पदक से चूकीं; PM मोदी बोले- आप युवाओं की प्रेरणा

India vs Great Britain: PM मोदी ने बधाई देते हुए कहा कि महिलाएं मेडल जीतने से जरूर चूक गईं. लेकिन उनका यह प्रदर्शन देश की बाकी खिलाड़ियों को स्पोर्ट्स में करियर बनाने के लिए प्रेरित करेगा. 

मैच के बाद भारतीय खिलाड़ी को संभालतीं ब्रिटिश गोलकीपर

नई दिल्लीः Tokyo Olympic 2020: भारतीय महिला हॉकी टीम (Indian Women Hockey Team) ब्रॉन्ज मेडल मैच 4-3 से हार गई. ग्रेट ब्रिटेन (Great Britain Wins Bronze) ने एक गोल के अंतर से मैच जीत लिया. शुरुआत में दो गोल से पिछड़ने के बाद भारतीय टीम ने 3 गोल दागकर बढ़त बनाई, लेकिन आखिरी हाफ में ब्रिटेन ने दो गोल और दाग दिए. टीम के प्रदर्शन पर पीएम मोदी (PM Narendra Modi) ने बधाई देते हुए कहा कि महिलाएं मेडल से जरूर चूक गईं. लेकिन उनका यह प्रदर्शन देश की बाकी खिलाड़ियों को स्पोर्ट्स में करियर बनाने के लिए प्रेरित करेगा. 

वंदना रहीं बिगेस्ट स्ट्राइकर 
मध्य प्रदेश के भोपाल स्थित साई सेंटर (Sports Authority of India Training Center) से हॉकी की ट्रेनिंग लेने वाली वंदना कटारिया ने पूरे टूर्नामेंट में भारत के लिए जबरदस्त प्रदर्शन किया. इस मैच के 29वें मिनट में उन्होंने गोल दागा. वहीं साउथ अफ्रीका के खिलाफ महत्त्वपूर्ण पूल मैच में उन्होंने हैट्रिक दागकर टीम को 4-3 से जीत दिलाई थी. इसी प्रदर्शन की बदौलत टीम ने क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई. 

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पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं
भारतीय महिला हॉकी टीम के प्रदर्शन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुशी जाहिर करते हुए टीम को शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि टीम मेडल के बहुत करीब आकर चूक गई, लेकिन उनके इस प्रदर्शन ने नए भारत के इरादों को दर्शाया है. वह बोले, बेटियों का यह प्रदर्शन देश की बाकी खिलाड़ियों को स्पोर्ट्स में करियर बनाने के लिए प्रेरित करेगा. 

पिछड़ने के बाद दागे तीन गोल
शुरुआत में 0-2 से पिछड़ने के बाद भारतीय टीम ने जबरदस्त वापसी की और दूसरे क्वार्टर में 4 मिनट के अंदर तीन गोल दागे. भारतीय टीम ने 3-2 से बढ़त बना ली थी, लेकिन दूसरे हाफ में ग्रेट ब्रिटेन ने वापसी की, उन्होंने तीसरे और चौथे क्वार्टर में एक-एक गोल किया. 4-3 स्कोर लाइन होने के बाद भारतीय टीम वापसी नहीं कर सकी और मैच हार गई. 

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अंतिम पलों में मिला था पेनल्टी कॉर्नर
भारतीय टीम को आखिरी क्वार्टर के अंतिम पलों में पेनल्टी कॉर्नर के रूप में गोल करने का आखिरी मौका मिला, लेकिन गोल नहीं हो सका. भारत के लिए गुरजीत कौर ने 25वें और 26वें मिनट में दो गोल और वंदना कटारिया ने 29वें मिनट में टीम का तीसरा गोल दागा. वंदना कटारिया पूरे टूर्नामेंट में भारत के लिए सबसे बेहतरीन खिलाड़ी के रूप में उभरीं. 

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सविता पूनिया बन गईं दीवार
ग्रेट ब्रिटेन की टीम ने पहले क्वार्टर में अटैक करते हुए पहले 10 मिनट में ही दो पेनल्टी कॉर्नर हासिल किए, लेकिन भारतीय गोलकीपर सविता पूनिया ने दोनों ही बार उन्हें सेव किया. पूरे मैच में ब्रिटेन की टीम ने भारतीय गोलपोस्ट तक आकर कई मौके बनाए, लेकिन सविता पूनिया के आगे ज्यादातर मौके विफल रहे. उन्हीं की बदौलत ब्रिटेन की टीम शुरुआती समय में बड़ी बढ़त नहीं बना सकी. 

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MP में पांच खिलाड़ियों ने ली ट्रेनिंग
भारतीय पुरुष और महिला दोनों ही टीमों ने इस बार हॉकी में पिछले 41 सालों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया. दोनों ही टीमों में कुछ खिलाड़ी ऐसे थे, जो या तो मध्य प्रदेश से थे, या फिर उन्होंने भोपाल और ग्वालियर स्थित हॉकी सेंटर से ट्रेनिंग लेकर विश्व स्तर पर देश को रिप्रेजेंट किया. महिला टीम में पांच खिलाड़ी ऐसी रहीं, जिन्होंने या तो MP में ट्रेनिंग ली, या फिर MP के लिए हॉकी खेला. 

इनमें सुशीला चानू (2006-2012 तक ट्रेनिंग ली), मोनिका मलिक और रीना खोखर (2010-2011 में ट्रेनिंग ली) ग्वालियर स्थित मध्य प्रदेश हॉकी अकादमी का हिस्सा रहीं. वहीं टीम की मुख्य स्ट्राइकर वंदना कटारिया और रिजर्व गोलकीपर ई रजनी ने मध्य प्रदेश वुमन हॉकी टीम को रिप्रेजेंट किया. दोनों ने भोपाल स्थित साई (Sports Authority of India) सेंटर में ट्रेनिंग ली. 

ऑस्ट्रेलिया को हराया, लेकिन ब्रिटेन से मिली दो हार
ग्रेट ब्रिटेन और भारत पूल स्टेज में एक ही ग्रुप का हिस्सा थे, 28 जुलाई को हुए इंडिया और ब्रिटेन के मैच में इंडिया 1-4 से हार गई थी. लेकिन फिर आयरलैंड और साउथ अफ्रिका को हराकर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई. क्वार्टर फाइनल में वर्ल्ड चैंपियन ऑस्ट्रेलिया की चुनौती देख उम्मीदें कम थीं. लेकिन भारतीय टीम ने जबरदस्त खेल दिखाया और ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से हराकर टूर्नामेंट से बाहर कर दिया. 

सेमीफाइनल में टीम अर्जेंटीना से 1-2 से हार गई और आज ब्रॉन्ज मेडल मैच में कड़ी टक्कर के बाद 4-3 से हार कर चौथे स्थान से संतुष्ट होना पड़ा. टीम के इरादे इस बार मेडल जीत के ही थे, वे इस हार से निराश हुए होंगे. लेकिन उनके इस प्रदर्शन से देश में स्पोर्ट्स को करियर के रूप में देख रहीं उन तमाम बेटियों को एक प्रेरणा मिली कि देश की बेटियां अगर ठान लें तो विश्व स्तर पर बड़ी से बड़ी टीमों को हराने का दम-खम रखती हैं. 

भारतीय पुरुष टीम ने जीता ब्रॉन्ज
इससे पहले 5 अगस्त को पुरुष हॉकी का फाइनल मुकाबला खेला गया. बेल्जियम ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर गोल्ड जीता. वहीं भारतीय पुरुष टीम ने ब्रॉन्ज मेडल मैच में जर्मनी को 5-4 के अंतर से हराकर ब्रॉन्ज जीता. टीम ने 41 साल बाद ओलिंपिक स्टेज पर पॉडियम फिनिश किया. भारत का आखिरी मेडल 1980 के मॉस्को ओलिंपिक गेम्स में आया था. 

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