जानिए 4 महीने बाद फिर क्यों बढ़े पेट्रोल डीजल के दाम?
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जानिए 4 महीने बाद फिर क्यों बढ़े पेट्रोल डीजल के दाम?

इससे पहले नवंबर में सरकार ने पेट्रोल डीजल पर 5 और 10 रुपए एक्साइज ड्यूटी की कटौती की थी, जिसके बाद से इनके दाम स्थिर चल रहे थे.

जानिए 4 महीने बाद फिर क्यों बढ़े पेट्रोल डीजल के दाम?

नई दिल्लीः मंगलवार से देश में पेट्रोल डीजल के दाम फिर से बढ़ गए हैं. 137 दिन के बाद पेट्रोल डीजल के दामों में करीब 0.80 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी हुई है. जिसके बाद देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत बढ़कर 96.21 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गई है. वहीं डीजल के दाम बढ़कर 87.47 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गए हैं. बता दें कि ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (OMC) ने डीजल की थोक कीमतों में रविवार को ही 25 रुपए प्रति लीटर की भारी भरकम वृद्धि की है. जिसके बाद से पेट्रोल डीजल की खुदरा कीमतों में भी तेजी की आशंका जताई जा रही थी. 

क्यों हुई है पेट्रोल डीजल में वृद्धि ?
बता दें कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में भारी उछाल आया है. खासकर रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते कच्चे तेल की कीमत फिलहाल 45 फीसदी बढ़कर 118.5 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई है. इससे पहले जब ओएमसी ने पेट्रोल डीजल की कीमतें बढ़ाई थी, उस वक्त अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें 81 डॉलर प्रति बैरल थी. भारत अपनी जरूरत का 85 फीसदी तेल आयात करता है, ऐसे में अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों का असर देश के आम आदमी की जेब पर पड़ता है. 

इससे पहले नवंबर में सरकार ने पेट्रोल डीजल पर 5 और 10 रुपए एक्साइज ड्यूटी की कटौती की थी, जिसके बाद से इनके दाम स्थिर चल रहे थे. द इंडियन एक्सप्रेस ने विशेषज्ञ के हवाले से बताया है कि पेट्रोल डीजल के कच्चे तेल पर एक डॉलर प्रति बैरल की वृद्धि होने पर ओएमसी कंपनियों को अपना मार्जिन निकालने के लिए खुदरा कीमत में 0.52 रुपए की वृद्धि करनी पड़ती है. इस तरह से कच्चे तेल में जब 37 डॉलर प्रति बैरल की वृद्धि हो चुकी है तो उपरोक्त फार्मूले के तहत ऑयल मार्केटिंग कंपनियां पेट्रोल डीजल की खुदरा कीमतों में करीब 19 रुपए की बढ़ोत्तरी कर सकती हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार आम आदमी को राहत देने के लिए पेट्रोल डीजल की एक्साइज ड्यूटी में और कटौती कर सकती है. 

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