शिव'राज' में डिंडोरी के शाहपुरा का कन्या स्कूल खस्ताहाल, पीएम मोदी ने पूछा-ऐसे कैसे हो गया?
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शिव'राज' में डिंडोरी के शाहपुरा का कन्या स्कूल खस्ताहाल, पीएम मोदी ने पूछा-ऐसे कैसे हो गया?

कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल का भवन खंडहर में तब्दील हो चुका है. भवन की हालत इतनी खस्ता हो चुकी है की वो किसी भी वक्त धराशायी हो सकता है. 

स्कूल शिक्षा विभाग (फाइल फोटो)

डिंडौरीः मध्य प्रदेश में जर्जर हो रहे स्कूलों पर अब सख्ती बरती जा रही है. डिंडौरी जिले के शहपुरा तहसील मुख्यालय में जर्जर हो चुके कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल के भवन को लेकर PMO {प्रधानमंत्री कार्यालय} ने संज्ञान लिया है. प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से मध्यप्रदेश शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारीयों को तलब करते हुए मामले की जानकारी मांगी है. जिसके बाद जिले के शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया. 

यह है मामला 
दरअसल,  डिंडौरी जिले के शहपुरा तहसील मुख्यालय में संचालित कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल का भवन खंडहर में तब्दील हो चुका है. भवन की हालत इतनी खस्ता हो चुकी है की वो किसी भी वक्त धराशायी हो सकता है. हैरत की बात तो यह है की लोकनिर्माण विभाग के अधिकारी ने स्कूल भवन का निरीक्षण करने के बाद प्रमाण पत्र जारी किया है. जिसमे स्पष्ट लिखा हुआ है की भवन की हालत अत्यंत जर्जर है और दीवारों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ चुकी है. 

जर्जर भवन में किया जा रहा था स्कूल का संचालन 
कालम क्रेक हो चुके हैं और छत पूरी तरह से झुक गई है. लिहाजा भवन में स्कूल का संचालन करना खतरनाक साबित हो सकता है. बावजूद इसके जर्जर हो चुके भवन में ही स्कूल का संचालन किया जा रहा है. स्कूल में पढ़ने वाली छात्राएं, शिक्षक समेत पूरा स्टाफ भवन की स्थिति को लेकर दहशत में रहते हैं. जिला प्रशासन के उदासीन रवैये को देखते हुए युवा एडवोकेट सम्यक जैन ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर मामले से अवगत कराया था. जिसपर अब पीएमओ की तरफ से संज्ञान लिया गया है. 

छात्राओं और शिक्षकों में रहता है डर का माहौल 
शहपुरा तहसील मुख्यालय में स्थित कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं व शिक्षकों के आंखों में खौफ और चेहरे में डर को साफतौर पर देखा जा सकता है. स्कूल भवन की छत खराब होने और झुक जाने के कारण बारिश का पानी छत से क्लासरूम के अंदर टपकता रहता है. जिसके कारण बेंच टेबल और कुर्सियां सब गीले हो जाते हैं और जब तेज बारिश होती है तो क्लासरूम के अंदर ही छाता लगाकर छात्राओं को बैठना पड़ता है. छत खराब हो जाने के कारण पानी से बचने के लिए कई कमरों में प्लास्टिक लगाया गया है.  

छत के अलावा भवन के कालम क्रेक हो चुके हैं और दीवारों में बड़ी बड़ी दरारें आ चुकी है जिसके बावजूद इस भवन में स्कूल का संचालन किया जाना समझ से परे है. छात्राओं का कहना है की स्कूल भवन की हालत को लेकर उन्हें हर वक्त डर बना रहता है तो वहीं शिक्षक भी जर्जर हो चुके स्कूल भवन को लेकर काफी दहशत में रहते हैं. हालांकि पीएमओं की तरफ से मामले में संज्ञान लिए जाने के बाद अब इस मुद्दे की गंभीरता से जांच हो सकती है. फिलहाल मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग से प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से जानकारी मांगी गई है. 

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