प्रहलाद को आज अटारी बाघा बार्डर पर पाकिस्तान आर्मी ने छोड़ा जिसके बाद भारतीय आर्मी ने उन्हें रिसीव कर लिया.
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अतुल अग्रवाल/सागरः 23 साल पहले गलती से पाकिस्तान पहुंच गए सागर जिले के प्रहलाद की आज वतन वापसी हो गई. उन्हें अटारी बॉर्डर से भारतीय सेना को सौंपा गया है. प्रहलाद सिंह राजपूत पिछले 23 सालों से पाकिस्तान की जेल में बंद थे. अटारी बाघा बॉर्डर पर छोड़ने के बाद अब उन्हें सागर लाने की प्रक्रिया तेज हो गई है. उन्हें सागर लाने के लिए स्थानीय पुलिस के साथ उनका छोटा भाई वीर सिंह राजपूत भी अमृतसर पहुंच गया है.
1998 में लापता हो गए थे प्रहलाद
प्रहलाद को आज अटारी बाघा बार्डर पर पाकिस्तान आर्मी ने छोड़ा जिसके बाद भारतीय आर्मी ने उन्हें रिसीव कर लिया. इस दौरान उनके छोटे भाई वीर सिंह राजपूत भी मौके पर मौजूद थे. जैसे ही उन्होंने अपने भाई को देखा तो दोनों एक दूसरे को देखकर रो पड़े. वीर सिंह राजपूत ने बताया कि 1998 में उनके भाई लापता हो गए थे जो गलती से पाकिस्तान पहुंच गए थे. जब वह लापता हुए थे, तब प्रहलाद की उम्र 33 साल थी. अब उनकी उम्र 56 साल है.
2014 में मिली थी पाकिस्तान में होने की जानकारी
2014 में एक पेपर के जरिए प्रहलाद की पाकिस्तान में होने की जानकारी उनके परिजनों को मिली थी. प्रहलाद गौरझामर के घोषी पट्टी गांव का रहने वाला है. परिजनों ने उन्हें ढूंढने की कोशिश की. लेकिन वो नहीं मिले. हालांकि बाद में जब इस बात की जानकारी मिल गई की प्रहलाद पाकिस्तान में बंद है तो उन्हें वापस लाने की प्रक्रिया शुरू हो गई.
सागर पुलिस अधीक्षक अतुल सिंह ने बताया कि विदेश मंत्रालय से एक लैटर आया था. जिसमें प्रहलाद की विस्तृत जांच मांगी गई थी. इसके बाद प्रहलाद के जरुरी दस्तावेज विदेश मंत्रालय को सौंपे गए थे. उनके वतन लौटने की खबर के बाद से ही गांव में खुशी का माहौल है. लंबे वक्त से अपने बेटे का इंतजार कर रहे प्रहलाद के परिजन की आंखों में खुशी के आंसू है. पाकिस्तान की इंडियन एम्बेसी ने 27 अगस्त को प्रहलाद की रिहाई की जानकारी दी थी.
कल तक अमृतसर से सागर आ जाएगा प्रहलाद
पुलिस ने बताया कि आज प्रहलाद को अमृतसर लाया गया है. उनके भाई वीरसिंह राजपूत भी उनके साथ मौजूद है. आज कानून कार्रवाई होने के बाद कल तर उन्हें सागर लाया जाएगा. कल प्रहलाद अमृतसर में बॉर्डर से करीब 10 किमी दूर रुके थे. आज वो सागर के लिए निकल आएंगे.
33 साल में लापता हुआ था प्रहलाद
प्रहलाद के भाई वीर सिंह राजपूत ने बताया कि 33 साल की उम्र में मानसिक रुप से कमजोर होने के चलते प्रहलाद अचानक घर से की चला गया. परिजनों ने उसकी काफी तलाश की, लेकिन प्रहलाद का कुछ पता नहीं चला. वीर सिंह ने बताया कि मानसिक रुप से कमजोर होने के चलते प्रहलाद का इलाज भी चल रहा था. घर से गायब होने के बाद उन्होंने कई बार पुलिस में भी उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई.
वीर सिंह राजपूत ने बताया कि उनका भाई पाकिस्तान कैसे पहुंच गया था, इस बात की उन्हें कोई जानकारी नहीं है. लेकिन इतना पता था कि एक दिन उनका भाई वापस जरूर आएगा. हालांकि इस दौरान प्रहलाद की मां उसका इंतजार करते-करते चली गई. उनकी पांच साल पहले मौत हो गई. लेकिन अब उनका भाई वापस अपने देश अपने गांव लौटने वाला हैं. जिससे पूरे घर में खुशी का माहौल है.
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