MP में बोर्ड परीक्षाएं रद्द होने के बाद एक और बड़ा फैसला, इस तरीके से होगा 12वीं के छात्रों का आंतरिक मूल्यांकन
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MP में बोर्ड परीक्षाएं रद्द होने के बाद एक और बड़ा फैसला, इस तरीके से होगा 12वीं के छात्रों का आंतरिक मूल्यांकन

एमपी में बोर्ड की परीक्षाएं रद्द होने के बाद परीक्षाओं के मूल्यांकन की तैयारी शुरू हो गई है. 

फाइल फोटो

भोपाल। मध्य प्रदेश में बोर्ड परीक्षाएं रद्द हो चुकी है. ऐसे में अब छात्रों को किस तरह से पास किया जाएगा इस पर काम शुरू हो गया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बोर्ड परीक्षाओं को मूल्याकंन को लेकर एक बड़ी जानकारी दी है. 

इस पद्धति से होगा नंबरों का मूल्यांकन 
सीएम शिवराज ने बताया कि 12वीं बोर्ड परीक्षाओं का मूल्यांकन का काम वैज्ञानिक पद्धति से होगा तथा मंत्रियों का समूह विषय विशेषज्ञों से चर्चा कर इसकी प्रक्रिया के संबंध में निर्णय लेगा. दरअसल, परीक्षाएं रद्द होने के बाद 12वीं बोर्ड का रिजल्ट तिमाही, छमाही और सालाना प्रोजेक्ट के अंकों को आधार बनाकर रिजल्ट तैयार किया जाएगा. इसके अलावा जिस तरह आंतरिक मूल्यांकन के साथ पिछली तीन परीक्षाओं के नतीजों को आधार बनाकर भी रिजल्ट तैयार किया जाएगा. उसी तरह 12वीं का रिजल्ट बनाया जा सकता है. जिसका तैयारियां प्रदेश सरकार ने शुरू कर दी है. 

परीक्षा भी दे सकेंगे छात्र 
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बेहतर परिणाम के लिए या परिणाम में सुधार के लिए जो विद्यार्थी परीक्षा देना चाहेंगे उनके लिए विकल्प खुला रहेगा. कोरोना संकट की समाप्ति के बाद इच्छुक विद्यार्थी 12वीं की परीक्षा दे सकेंगे. लेकिन ऐसा तभी होगा जब वह अपने नंबरों से संतुष्ट नहीं होंगे. 

MP में नहीं खुलेंगे स्कूल 
स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि सीएम शिवराज ने निर्देश दिए हैं कि बच्चों को लेकर फिलहाल कोई रिस्क नहीं ले सकते.  बारहवीं की परीक्षा को लेकर विद्यार्थियों और अभिभावकों में अनिश्चितता का वातावरण था, उसे समाप्त करते हुए प्रदेश सरकार ने 12वीं की परीक्षा नहीं कराने का निर्णय लिया है. इसके अलावा कोरोना की तीसरी लहर में 18 साल से कम उम्र के बच्चों पर असर होने संभावना जताई गई है. ऐसे में बच्चों पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है. इसलिए स्कूल नहीं खोलने का निर्णय लिया गया है. अगर कोरोना का संक्रमण काबू में रहता है तो ही फिर से स्कूल खोलने को लेकर विचार किया जाएगा. 

कॉलेज छात्रों के भी ओपन बुक पद्धति से होंगे एग्जाम 
इसके अलावा कॉलेज छात्रों की परीक्षाएं भी ओपन बुक पद्धति की जाएगी. मध्य प्रदेश में स्नातक के करीब 15 लाख और स्नातकोत्तर के करीब 3 लाख छात्रों की परीक्षा अगले दो महीनों में होगी. शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर बताया कि परीक्षाएं ओपन बुक प्रणाली में होंगी. छात्रों को क्वेश्चन पेपर ऑनलाइन माध्यम से ही प्राप्त होंगे. बता दें कि प्रदेश के 8 विश्वविद्यालयों में स्नातक के कुल 14 लाख 88 हजार 958 स्टूडेंट हैं. जबकि स्नातकोत्तर में 3 लाख 8 हजार 117 स्टूडेंट हैं, जो इस बार परीक्षा देने के लिए बैठने वाले हैं.

जुलाई में आएंगे नतीजे
उच्च शिक्षा विभाग ने परीक्षाओं को लेकर आदेश जारी करते हुए बताया कि यूजी फाइनल ईयर और पीजी फाइनल ईयर की परीक्षाएं जून में होंगी. इन परीक्षाओं के रिजल्ट जुलाई में घोषित कर दिए जाएंगे. जिसकी तैयारियां उच्च शिक्षा विभाग ने शुरू कर दी है. 

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