Sawan Shivratri 2021: शिवरात्रि पर ऐसे करें शिव को प्रसन्न, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि
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Sawan Shivratri 2021: शिवरात्रि पर ऐसे करें शिव को प्रसन्न, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि

सावन महीने की चतुर्दशी तिथि 06 अगस्त शाम 06 बजकर 28 मिनट से से प्रारंभ होकर 07 अगस्त की शाम 07 बजकर 11 मिनट पर तक रहेगी. व्रत पारण का समय 07 अगस्त शनिवार की सुबह 05 बजकर 46 मिनट से दोपहर 03 बजकर 45 मिनट तक है.

सावन शिवरात्रि 2021

नई दिल्ली: इस वक्त सावन का महीना चल रहा है. जो भगवान शिव का समय माना जाता है. लोग सावन में भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा करते हैं. वैसे तो कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है, लेकिन सावन में पड़ने वाली शिवरात्रि बेहद खास मानी जाती है. कहते हैं इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से मनोकामना पूरी होती है. 

शिव की पूजा का शुभ मुहूर्त
सावन महीने की चतुर्दशी तिथि 06 अगस्त शाम 06 बजकर 28 मिनट से से प्रारंभ होकर 07 अगस्त की शाम 07 बजकर 11 मिनट पर तक रहेगी. व्रत पारण का समय 07 अगस्त शनिवार की सुबह 05 बजकर 46 मिनट से दोपहर 03 बजकर 45 मिनट तक है.

सावन की शिवरात्रि 6 अगस्त यानी कल पड़ रही है. जो लोग शिव का व्रत कर उन्हें प्रसन्न करना चाहते हैं वह इस तरह से पूजा कर सकते हैं. इन चीजों के साथ आसान विधि से करें शिव-पार्वती की पूजा.

पूजा के लिए सामग्री
भगवान शिव की पूजा के लिए साफ बर्तन, देसी घी, फूल, पांच प्रकार के फल, पंचमेवा, जल, पंचरस,चंदन, मौली, जनेऊ, पंचमेवा, शहद, पांच तरह की मिठाई, बेलपत्र, धतूरा, भांग के पत्ते, गाय का दूध, चंदन, धूप, कपूर, मां पार्वती की श्रृंगार सामग्री, दीपक, बेर, आदि लेना चाहिए. 

पूजा की विधि
सबसे पहले जल्दी उठकर स्नान कर लें और साफ कपड़े धारण करें.
इसके बाद पास के शिव मंदिर जाएं
शिवलिंग का जलाभिषेक करें, दूध या जल से.
फिर चंदन से तिलक लगाकर पूजा सामग्री अर्पित करें.
फिर मोली या जनेऊ से शिव और पार्वती का गठबंधन करें.
मां पार्वती का श्रृंगार चढ़ाएं.

इन बातों का रखें ख्याल
सावन शिवरात्रि के दिन सात्विक भोजन ही करें.
प्याज, लहसुन, मांस-मदिरा से परहेज करें.
ज्यादा से भगवान शिव की अराधना करें
ब्रह्मचर्य का पालन करें.
शुभ पारण मुहूर्त में ही व्रत खोलें.

इन मत्रों के जाप से प्रसन्न होंगे भोलेनाथ

महामृत्युंजय मंत्र

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

भगवान शिव का मूल मंत्र
ऊँ नम: शिवाय

रूद्र गायत्री मंत्र
ॐ तत्पुरुषाय विदमहे, महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात्।।

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