विशेषज्ञों का कहना है कि लंबे समय तक कम नींद लेने से नींद की गुणवत्ता घट जाती है और इसके बाद शरीर में कई तरह की समस्याएं होने लग जाती हैं.
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नई दिल्लीः अगर किसी रात आप ठीक से ना सो पाएं तो अगले दिन यकीनन आपको थकान और चिड़चिड़ेपन की समस्या का सामना करना पड़ेगा. एक रात भरपूर नींद नहीं लेने से ये हालत होती है तो आप समझ सकते हैं कि लंबे समय तक नींद से समझौता आपके सेहत पर भारी पड़ सकता है. अधूरी नींद का असर सबसे ज्यादा इंसान के मस्तिष्क पर पड़ता है, जिसके चलते कम नींद लेने वाले व्यक्ति को कई परेशानियां होनी शुरू हो जाती हैं.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, कम नींद लेने वाले व्यक्ति को कमजोर यादाश्त की समस्या, एकाग्रता में कमी, मूड चेंज, कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, वजन बढ़ने की समस्या, ह्रदय रोग जैसी समस्याएं होने का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है. विशेषज्ञों का कहना है कि लंबे समय तक कम नींद लेने से नींद की गुणवत्ता घट जाती है और इसके बाद शरीर में कई तरह की समस्याएं होने लग जाती हैं.
कम नींद लेने से व्यक्ति का मस्तिष्क और शरीर सही तरीके से काम नहीं कर पाते हैं औऱ एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि लगातार कम नींद लेने से जल्द मौत का खतरा भी बढ़ जाता है. एक हेल्थ वेबसाइट के हालिया सर्वे के अनुसार भारत में 93 फीसदी लोग जरूरत से कम नींद ले पाते हैं. जिससे डिमेंशिया का खतरा बढ़ा है.
जानिए कितनी नींद है जरूरी
विशेषज्ञों के अनुसार, नवजात बच्चों को 11-19 घंटे की नींद लेनी चाहिए. वहीं एक साल से दो साल तक के बच्चों को कम से कम 10-12 घंटे की नींद लेनी चाहिए. किशोरावस्था में 8 घंटे की नींद पर्याप्त होती है. वहीं 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को 7-8 घंटे की नींद जरूरी मानी जाती है. यहां गौर करने वाली बात ये है कि नींद की गुणवत्ता बेहतर होनी चाहिए. अच्छी नींद के लिए सोने और जागने का समय निर्धारित करें. बिस्तर का आरामदायक होना भी जरूरी है.
नियमित तौर पर एक्सरसाइज करने से शरीर में रक्त संचार बेहतर रहता है और इससे अच्छी नींद लेने में मदद मिलती है. कैफीन और धूम्रपान की लत से बचें. शराब का सेवन ना करें, इससे भी नींद की गुणवत्ता प्रभावित होती है.