हाईकोर्ट में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा पेश की गई रिपोर्ट एक हैरान करने वाला मामला है.
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जबलपुरः हाईकोर्ट में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में एक चौकाने वाला खुलासा हुआ है. दरअसल, कोरोना काल में आपदा में अवसर कई लोगों ने तलाशा है. ऐसे में भला कैदी भला कैसे पीछे रहते. क्योंकि मामला कुछ ऐसा ही सामने आया है.
पैरोल पर छूटे कैदी फरार
दरअसल, हाईकोर्ट में सरकार द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में हुआ खुलासा हुआ है कि प्रदेश के अलग-अलग जेलों से पेरोल पर छूटे 22 कैदी फरार हो गए. यह जानकारी खुद प्रदेश सरकार ने अपनी रिपोर्ट में हाईकोर्ट को दी है.
पैरोल पर छूटे थे 4500 कैदी
हाईकोर्ट में पेश की गई रिपोर्ट में बताया गया कि कोरोना की पहली लहर में प्रदेश भर की जेलों से पेरोल पर 4500 कैदी छूटे थे. जिसमें से 1536 कैदियों के वापस न आने का आंकड़ा सामने आया है. जानकारी में बताया गया कि कोरोना संक्रमण कम होने के बाद इन सभी कैदियों को वापस जेल आने के निर्देश दिए गए थे. लेकिन इनमें से 22 कैदी फरार पाए गए हैं, जबकि 1536 कैदियों ने उनके वापस आने के कोई जानकारी नहीं मिली है. जबकि 47 कैदियों की इस दौरान मौत हो गई.
DG ने दिया स्पष्ट जवाब
डीजी ने हाईकोर्ट को पेश किए जवाब में बताया गया कि पैरोल पर छूटे कई कैदी अन्य किसी मामले में जुर्म कर बैठे थे. जिनमे से कई लोगों को जमानत भी मिल चुकी है. हालांकि इन कैदियों को वापस लाने के प्रयास किए जा रहे हैं.
दरअसल, कोरोना के चलते जेलों में संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में नियमों के अनुसार कई कैदियों को पैरोल पर छोड़ा गया था. ताकि जेलों में कैदियों की संख्या कम की जा सके. लेकिन अब इन कैदियों ने भी कोरोना काल में अवसर खोज लिया और वापस जाकर जेल में समपर्ण नहीं किया.
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