ग्वालियर में अब आसानी से नहीं मिलेगा हथियार का लाइसेंस, करना होगा यह काम
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ग्वालियर में अब आसानी से नहीं मिलेगा हथियार का लाइसेंस, करना होगा यह काम

ग्वालियर-चंबल अंचल में हथियार के लिए सबसे ज्यादा आवेदन किए जाते हैं. 

फाइल फोटो

ग्वालियरः मध्य प्रदेश का ग्वालियर-चंबल वो इलाका माना जाता है जहां हथियारों का क्रेज सबसे ज्यादा माना जाता है, हथियारों के इस क्रेज के चलते भी ग्वालियर-चंबल की पहचान देशभर में होती है. क्योंकि कंधे पर बंदूक होना यहां शान का विषय माना जाता है. यही वजह है कि यहां पर हथियारों के लाइसेंस के लिए सबसे ज्यादा आवेदन भी किए जाते हैं. लेकिन अब ग्वालियर-चंबल में हथियार का लाइसेंस मिलना आसान नहीं होने वाला है. 

लाइसेंस के बदले हरियाली 
दरअसल, ग्वालियर जिले में हथियारों के लाइसेंस के लिए आवेदन करने के लिए अब एक अनूठी पहल शुरू की जा रही है. अब जो भी व्यक्ति हथियार के लिए सरकारी आवेदन करेगा उस आवेदन पर अमल तब ही किया जाएगा जब आवेदक पांच ट्री गार्ड लेकर आएगा. जी हां ग्वालियर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह द्वारा पर्यावरण को लेकर यह अनूठी पहल की गई है. जिसके चलते अब आवेदक को अपने हथियार लाइसेंस के लिए आवेदन करने के साथ 5 ट्री गार्ड कलेक्ट्रेट स्थित शस्त्र शाखा में जमा कराने होंगे. तभी उसके लाइसेंस पर काम शुरू होगा. 

पौधारोपण में किया जाएगा ट्री गार्ड का उपयोग
प्रशासन इन ट्री गार्ड का उपयोग पौधारोपण के दौरान करेगा ताकि पौधा सुरक्षित वातावरण में वृक्ष का रूप ले सके. आने वाली हरियाली अमावस्या के दिन प्रदेश भर में बड़े स्तर पर पौधारोपण का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है ऐसे में ग्वालियर प्रशासन ने भी पूरी तैयारी कर ली है, जिसको लेकर सभी विभागों को टारगेट भी दिया गया है. ऐसे में कलेक्टर द्वारा यह इनोवेटिव प्लान भी तैयार किया है. जिसका असर भी दिखने लगा है. 

जमा किए गए 3 दर्जन से अधिक ट्री गार्ड 
ग्वालियर में अभी तक प्रशासन के पास 3 दर्जन से अधिक ट्री गार्ड पहुंच चुके हैं. कलेक्टर ने लोगों से अपील की है कि वह भी अपने आस-पास पौधारोपण करें ताकि आने वाले भविष्य को शुद्ध ऑक्सीजन के साथ संतुलित वातावरण मिल सके.  गौरतलब है कि इससे पहले भी ग्वालियर के तत्कालीन कलेक्टर अनुराग चौधरी द्वारा भी इसी प्रकार की अनूठी पहल की गई थी जिसके चलते हथियार लाइसेंस आवेदन जमा करने से पहले आवेदक को सिरोल पहाड़ी पर पांच पौधों को लगाना आवश्यक किया था और उनकी एक माह की रिपोर्ट और फिजिकल वेरिफिकेशन के बाद ही आवेदन को स्वीकार किया जाता था. जिसके चलते शहर की कई बंजर पहाड़िया हरी-भरी हो चुकी हैं. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि इस पहल का भी सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेगा. 

कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह का कहना है कि ग्वालियर जिले में हथियारों के लाइसेंस के लिए बहुत आवेदन आते हैं. इसलिए यह पहल शुरू की गई है कि जो भी लोग लाइसेंस के लिए आवेदन करेगा उसे पांच ट्री गार्ड देने होंगे. ताकि उनमें पौधारोपण किया जा सके. कलेक्टर ने बताया कि इस पहल का असर भी हो रहा है और अब तक कुछ लोगों ने लाइसेंस के लिए आवेदन किया है, जिन्होंने ट्री गार्ड जमा किए हैं. 

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