कच्ची शराब के लिए बदनाम था गांव, आज महिलाओं ने बदल दी पहचान, जानिए वजह
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कच्ची शराब के लिए बदनाम था गांव, आज महिलाओं ने बदल दी पहचान, जानिए वजह

हम आपको मध्यप्रदेश के एक ऐसे गांव के बारे बता रहे है जहां एक भी कोरोना पॉजिटिव नहीं है.

गांव की महिलाएं

बैतूल:  एक तरफ जहां कोरोना संक्रमण से पूरी दुनिया परेशान है, वहीं भारत के कई शहरों में श्मशान घाट में अंतिम संस्कार के लिए कतारें लग रही हैं, तब हम आपको मध्यप्रदेश के एक ऐसे गांव के बारे बता रहे है जहां एक भी कोरोना पॉजिटिव नहीं है.

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गांव है बैतूल जिले का चिखलार गांव. इस गांव में एक भी पॉजिटिव व्यक्ति नहीं है. खास बात यह है, आगे भी पॉजिटिव नहीं रहें, इसके लिए गांव की महिलाओं ने फैसला करते हुए पूरे गांव को लॉक कर दिया. वे खुद लाठियां लेकर गांव की निगरानी कर रही है कि कोई गांव में प्रवेश तो नहीं कर रहा है.

महिलाओं के हाथ में गांव की सुरक्षा
बैतूल का यह करीबी गांव चिखलार यूं तो कच्ची शराब बिक्री के लिए बदनाम रहा है. लेकिन इस बार गांव की महिलाओं ने इसे लॉक कर सुर्खियों में ला दिया है. महिलाओं ने गांव में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है. यहीं नहीं वह गांव के करीब से गुजरने वाले स्टेट हाईवे पर भी आने जाने वालों की निगरानी कर रही है. महिलाओं ने यहां लाठी लेकर मोर्चा संभालते हुए गांव की सभी सीमाएं बांस के बैरिकेड लगाकर सील कर दी, साथ ही गांव में किसी भी बाहरी व्यक्ति, अतिथि मेहमान का प्रवेश वर्जित कर दिया गया है.

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महिलाएं करती है पूरे दिन चौकीदारी
इस गांव की महिलाएं यहां पूरे दिन चौकीदारी करती हैं कि कोई गांव में प्रवेश ना करें. इसके साथ ही वह आने जाने वालों को भी रोकती टोकती है. यहां तक कि वे गांव के फालतू घूमने वालो पर लाठियां बरसाने से भी नहीं चूकती.  महिलाओं के मुताबिक अपने गांव को संक्रमण से बचाने के लिए उन्हें यह कड़ा फैसला करना पड़ा है. और इसी कड़े फैसले से इस गांव में एक भी संक्रमित अब तक नहीं हुआ है. 

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