पीठ दर्द का सबसे बड़ा कारण है गलत पोस्चर, जानें इस बारे में क्या कहते हैं फिजियोथेरेपिस्ट
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पीठ दर्द का सबसे बड़ा कारण है गलत पोस्चर, जानें इस बारे में क्या कहते हैं फिजियोथेरेपिस्ट

पीठ दर्द कई कारणों से हो सकता है, बढ़ती उम्र, महिलाओं में भी पीठ दर्द की परेशानी ज्यादा होती है, आपका कद, काम का स्ट्रेस, बैठते, सोते समय शरीर की मुद्र का सही ना होना भी इसका मुख्य कारण हो सकता है. 

सांकेतिक तस्वीर

नई दिल्ली: आजकल ज्यादातर लोगों में पीठदर्द की शिकायत पायी जाती है. कम पीठ दर्द विकलांगता का सबसे आम कारण है. इसके घातक प्रभावों के कारण दुनिया भर में लोग परेशान हैं. पीठ दर्द कई कारणों से हो सकता है, बढ़ती उम्र, महिलाओं में भी पीठ दर्द की परेशानी ज्यादा होती है, आपका कद, काम का स्ट्रेस, बैठते, सोते समय शरीर की मुद्र का सही ना होना भी इसका मुख्य कारण हो सकता है. इस परेशानी के कारण लोगों के काम पर भी असर पड़ता है. कई बार दर्द इतना बढ़ जाता है कि नौकरी पेशे वालों को अपने ऑफिस से भी छुट्टी लेनी पड़ जाती है. जिसके कारण उनके साथ-साथ उनकी कंपनी की प्रोडक्टीविटी भी कम हो जाती है. इसके लिए हमने फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. नितिन कुमार अरोड़ा से बात की. उन्होंने हमें इससे निजात पाने के लिए कई सुझाव दिए, जो हम आपके साथ साझा कर रहे हैं.

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डॉ. नितिन कुमार अरोड़ा बताते हैं कि आम तौर पर मानव की रीढ़ में S आकार की वक्रता होती है जो लम्बर स्पाइन (नितंबों के ठीक ऊपर) से जुड़ी होती है. जब कोई व्यक्ति सोता है, बैठता है या खड़ा होता है तो गुरुत्वाकर्षण बल रीड़ को नीचे की ओर खींचता है. तो शरीर की मांसपेशियां उसे सीधा रखने का काम करती हैं. लेकिन बढ़ती उम्र के साथ विरोधी गुरुत्वाकर्षण मांसपेशियों कमजोर पड़ने लगती हैं और शरीर का पोस्चर(मुद्रा) खराब होने लगता है. जिसके कारण पीठ दर्द की परेशानी होनी शुरू हो जाती है.

पीठ दर्द की परेशानी खासकर उन लोगों को होती है, जो ऑफिस में लंबे समय तक एक ही पोस्चर में बैठकर कम्प्यूटर में काम करते हैं. साथ ही देखा गया है कि ड्राइव करने से भी पीठ दर्द के परेशानी पैदा होती है. इस दर्द से लड़ने और उसे कम करने की बजाय हम कुछ बातों का ध्यान रख कर इससे बच सकते हैं.

सबसे पहली बात कि हमें बैठते, चलते और सोते समय हमारे बॉडी पोस्चर का खास ख्याल रखना चाहिए. सही पोस्चर सबसे अधिक होने वाले Musculoskeletal disorders (मांसपेशियों से संबंधित विकार) जैसे गर्दन में दर्द, पीठ दर्द आदि से बचा सकता है. ये लिगामेंट टियर होने और डिस्क और मांसपेशियों की परेशानियों से भी बचाव करता है. ये रीड़ की हड्डी को सटीक रखने के लिए बेहद जरूरी है. अगर आप सही पोस्चर में बैठकर काम करते हैं तो आपके काम में होने वाली थकान से भी मुक्ति मिल जाएगी.

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जानें सही पोस्चर (मुद्रा) कैसे बनाए रखें
बैठने की मुद्रा
बैठते समय आपकी पीठ सीधी होने के साथ-साथ आपके नितंब सीधे होने चाहिए. रीढ़ की सामान्य वक्रता को बनाए रखने के लिए पीठ के निचले हिस्से में एक तोलिया रोल बनाकर रख सकते हैं. साथ ही ध्यान रखें कि बैठने के दौरान दोनों कूल्हों (HIPS) पर शरीर का बराबर वजन हो. गर्दन को मोड़ने के बजाय पूरे शरीर को मोड़ें और पीठ के निचले हिस्से को मोड़ें. कंधों को रिलैक्स रखें, और घुटनों को मोड़कर यानी क्रॉस कर के ना बैठें, कोशिश करें की आपके घुटने 90 डिग्री पर रहें या नितंभ से थोड़े ऊपर लेवल पर हों. हर 40-45 मिनट में अपनी मुद्र बदलते रहें.

गाड़ी चलाते वक्त मुद्रा
गाड़ी चलाते वक्त अपनी सीट को स्टीयरिंग व्हील के नजदीक रखें और कोशिश करें पीठ के निचले हिस्से में तोलिये का एक रोल बनाकर रखें. इससे हमारे शरीर का पोस्चर सही रहता है तो हम मसल्स पेन से बच सकते हैं और हमें थकावट भी महसूस नहीं होगी. 

वजन उठाते समय मुद्रा
जब आप वजन उठाते हैं, तो हमेशा याद रखें कि सबसे पहले अपने घुटने मोड़ लें और फिर अपनी पीठ को मोड़ें. जिस समान को आप उठा रहे हैं उसे अपने शरीर के पास लाएं और घुटनों को सीधा रखते हुए उसे उठाएं.

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सोते समय मुद्रा
तकिया हमारे शरीर की वक्रता के हिसाब से ही बनाया गया है. तकिए को हमेशा अपनी गर्दन के नीचे रखना चाहिए. कई लोग तकिये को कंधे के नीचे रखकर सो जाते हैं, तो कई उसके ऊपर ही सो जाते है. जिससे सुबह उनकी मांसपेशियों में दर्द होता है. आप अपने घुटनों के नीचे तकीया रखकर सीधा और कमर के निचले हिस्से में तोलिए का रोल बनाकर रखकर सो सकते हैं. अगर आप करवट ले कर सो रहे हैं तो आप अपने घुटनों के बीच में तकिया रखकर सो सकते हैं. 

जो लोग पेट के बल सोते हैं उनमें गर्दन दर्द की परेशानी ज्यादा होती है. सोने के लिए आपको एक अच्छे गद्दे का चयन करना चाहिए. ये भी कमर दर्द, गर्दन दर्द का कारण हो सकता है. 

ध्यान से पढ़ें ये बात
नींद से उठते समय अधिकतर लोग ये गलती करते हैं. कभी भी सीधा नहीं उठना चाहिए हमेशा करवट लेकर धीरे से उठना चाहिए.

अगर आप इन सब बातों का ख्याल रखते हैं, बावजूद इसके अगर आपको मांसपेशियों की परेशानी हो रही है तो आपको अच्छे डॉक्टर या फिजियोथेरेपिस्ट से कंसल्ट करने की जरूरत है.

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