कैसे बचेंगे बाघ?
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कैसे बचेंगे बाघ?

एक आंकड़े के मुताबिक देश में सबसे ज़्यादा टाइगर की मौत मध्य प्रदेश में ही हुई है, सतना ज़िले में 24 घंटों में दो टाइगर की मौत हो गई है, पढ़िए पूरी ख़बर। 

कैसे बचेंगे बाघ?

सतना: एक आंकड़े के मुताबिक देश में सबसे ज़्यादा टाइगर की मौत मध्य प्रदेश में ही हुई है, सतना ज़िले में ही 24 घंटों में दो टाइगर की मौत हो चुकी है।

पहली मौत व्हाइट टाइगर सफारी में सफेद शेरनी राधा की हुई तो दूसरी मौत मझगवां में ट्रेन की चपेट में आने से येलो टाइगर की हुई।

सतना के मुकुंदपुर में मौजूद व्हाइट टाइगर सफारी में प्रबंधन की लापरवाही उजागर हुई है। 

प्रबंधन ने लापरवाही पर पर्दा डालने के लिए व्हाइट टाइगर सफारी को एक दिन के लिए बंद कर दिया। 

अब तक व्हाइट टाइगर राधा की मौत के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है। फिलहाल, सफारी में वन विभाग के आला अधिकारी पहुंचे हैं।

आपको बता दें कि मंगलवार को ही सतना के मझगवां रेलवे स्टेशन से 2 किलोमीटर पहले चितहरा के पास एक टाइगर की मौत हो गई थी। 

यहां एक ट्रेन की चपेट में आने से 4 साल के बाघ की दर्दनाक मौत हो गई थी। 

जिसके बाद अधिकारी मौके पर पहुंचे थे अधिकारियों ने बताया था कि इस इलाके से गुज़रने वाली ट्रेनों की रफ्तार कम करने के लिए वो रेलवे एक पत्र लिखेंगे।

कितने बाघ हैं एमपी में?

ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक अभी मध्य प्रदेश में कुल 308 बाघ हैं।

इस संख्या में 2 साल से छोटे शावकों को शामिल नहीं किया गया है क्योंकि छोटे शावक बड़ी तादाद में आपसी संघर्ष में मारे जाते हैं।

बाघों की मौत की बात करें तो इस साल अभी तक अकेले मध्य प्रदेश में कुल 29 बाघों की मौत हो चुकी है। 

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