बाबा महाकाल की नगरी में खुदाई में मिल रहे नर कंकाल!, पहले मिली थीं मूर्तियां और मंदिर
Advertisement

बाबा महाकाल की नगरी में खुदाई में मिल रहे नर कंकाल!, पहले मिली थीं मूर्तियां और मंदिर

 माना ये भी जा रहा है कि जब इल्तुमिश (मुगलों) ने उज्जैन महाकाल मंदिर में आक्रमण किया उस समय पुरातत्व धरोहरों को बचाने वालों को भी इल्तुमिश ने जमीन में धोके से युद्ध के दौरान गाड़ दिया और मंदिरों पर हमला कर लूटपाट की थी. 

बाबा महाकाल की नगरी में खुदाई में मिल रहे नर कंकाल!, पहले मिली थीं मूर्तियां और मंदिर

राहुल राठौर/उज्जैन: महाकाल मंदिर विस्तारीकरण के दौरान मंदिर क्षेत्र में चल रहे खुदाई कार्य अब रहस्य उगल रहे हैं. विगत सालभर से लगातार मिल रही परमार कालीन शिव परिवार की मूर्तिया, मंदिर की दीवार, ढांचा व अन्य जिसे आक्रमण कारी इल्तुमिश (मुगलों) द्वारा दबा दिया गया था. उसके साथ ही अब 20 फिट गहरी खुदाई में टुकड़ों में बिखरे नरकंकाल मिले हैं. इसकी पुष्टि पुरात्तव विभाग ने की है. अधिकारी ने बताया कि परमार कालीन शिव परिवार की मूर्तियों संग मानव हड्डियां भी अब मिल रही हैं. ये हड्डियां कब की हैं, ऑस्टियोलॉजी के अध्ययन के बाद पता चल पाएगा. 

दरअसल, उज्जैन में स्मार्ट सिटी के तहत महाकाल मंदिर विस्तारीकरण का कार्य किया जा रहा है. खुदाई की शुरुआत में पहले तो छोटी-छोटी मूर्तियां और कुछ दीवारें मिलीं. 20 फुट गहराई में अति प्राचीन काल की निकलीं. जिनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने भोपाल पुरातत्व विभाग की देखरेख और संरक्षण में यह खुदाई कार्य करने की बात रखी. धीरे-धीरे खुदाई में परमार कालीन समय में बनवाई गई भगवानों की अलग-अलग मूर्तियां और करीब 1000 वर्ष पुराना मंदिर का ढांचा मिला. 

महाकाल मंदिर में खुदाई के दौरान 1000 वर्ष पुराने मंदिर का ढांचा मिला, 11वीं शताब्दी की मूर्तियां भी निकली

अब खुदाई रहस्यमई होती जा रही है. जगह-जगह मानव नर कंकाल की बिखरी हड्डियां मिल रही हैं जोकि एक बड़ा शोध का विषय है. माना ये भी जा रहा है कि जब इल्तुमिश (मुगलों) ने उज्जैन महाकाल मंदिर में आक्रमण किया उस समय पुरातत्व धरोहरों को बचाने वालों को भी इल्तुमिश ने जमीन में धोके से युद्ध के दौरान गाड़ दिया और मंदिरों पर हमला कर लूटपाट की थी. 

इससे पहले भी मिल चुके तीन नर कंकाल
महाकाल मंदिर में सन 2012-13 में 2016 के कुम्भ पर्व को लेकर महाकाल मंदिर में बनायी जा रही टनल की खुदाई के दौरान भी तीन नर कंकाल मिले थे. उस दौरान कुम्भ पर्व के चल रहे कार्यो में नर कंकाल की बात दब गयी. उन कंकालों की जांच नहीं की गयी, लेकिन इस बार जब पुरातत्व की टीम उज्जैन में बनी हुई है और उन्हीं की देख रेख में काम चल रहा है. ऐसे में नर कंकालों और हड्डियों की जांच होनी चाहिए ताकि वर्षों पुराने राज सामने आ सकें.

कोरोना का असरः बाबा महाकाल की नगरी में कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध, दर्शन का नियम भी बदला

परमार कालीन मंदिर मिला
पुरातत्व विभाग के अधिकारि गोविंद सिंह जोधा ने बताया कि खुदाई कार्य के दौरान पुरातत्व भोपाल टीम को 11वीं शताब्दी का परमार कालीन मंदिर मिला है जो अब स्प्ष्ट रूप से ढांचे के रूप में दिखाई दे रहा है. शिव परिवार की मूर्तियां हैं. मंदिर के स्थापत्य खंड व उसके भाग हैं. वास्तु खंड, मंजरी, कलश, आमलक, मंदिर के ऊपर 6 फुट का मिट्टी का डिपॉसिट था. अब इसमें मानव हड्डियां मिलने लगी हैं. इसका अध्ययन ऑस्टियोलॉजी करेगा और जल्द स्थिति स्पष्ट होगी. 

समाधि लिए साधु-संतों की हो सकती हैं हड्डियां- मुख्य पुजारी
वहीं महाकाल मंदिर के मुख्य पुजारी महेश गुरू ने जानकरी देते हुए कहा कि नर कंकाल मिलना शोध का विषय है. सम्भवतः ये साधु-संतों की समाधि रही होगी. क्योंकि मंदिर के अग्र भाग में कई संतों ने समाधि ली है.

WATCH LIVE TV

Trending news