MP Transfer Policy 2025: 'कृपया ट्रांसफर के लिए संपर्क न करें....' सांसद अनिल फिरोजिया के ऑफिस के बाहर चस्पा नोटिस
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MP Transfer Policy 2025: 'कृपया ट्रांसफर के लिए संपर्क न करें....' सांसद अनिल फिरोजिया के ऑफिस के बाहर चस्पा नोटिस

MP Transfer Policy 2025: मध्यप्रदेश में सरकारी अधिकारियों के लिए ट्रांसफर पॉलिसी लागू की जा चुकी है. इसके तहत 30 मई तक विभाग अपने कर्मचारियों के तबादले कर सकेंगे. इसको लेकर उज्जैन सासंद अनिल फिरोजिया ने अपने कार्यालय के बाहर एक नोटिस चस्पा किया है. आइए जानते हैं इस नोटिस में क्या लिखा है?

सांसद अनिल फिरोजिया के ऑफिस के बाहर चस्पा नोटिस
सांसद अनिल फिरोजिया के ऑफिस के बाहर चस्पा नोटिस

Transfer Policy Notice: मध्यप्रदेश में सरकारी अधिकारियों के ट्रांसफर को लेकर उज्जैन के सांसद अनिल फिरोजिया ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. उन्होंने अपने उज्जैन स्थित कार्यालय के बाहर एक स्पष्ट सूचना चस्पा की है, जिसमें लिखा है, ट्रांसफर के लिए संपर्क न करें. इसके माध्यम से उन्होंने साफ कर दिया है कि वे अब किसी भी प्रकार की ट्रांसफर सिफारिश नहीं करेंगे. 

सांसद फिरोजिया का यह कदम खासतौर पर उन जनप्रतिनिधियों के लिए एक उदाहरण बन सकता है जो आमतौर पर तबादलों से जुड़ी सिफारिशें करते हैं. इसके अलावा, कार्यालय में एक और पंपलेट भी लगाया गया है, जिसमें लिखा है, शस्त्र लाइसेंस के लिए भी संपर्क न करें. उनके इस फैसले ने स्थानीय स्तर पर खास चर्चा पैदा कर दी है और इससे यह साफ है कि सांसद अब सिफारिशों से दूर रहकर निष्पक्ष तरीके से काम करना चाहते हैं.

साफ शब्दों में बोले सांसद
सांसद अनिल फिरोजिया ने ZEE NEWS से कहा कि ट्रांसफर के लिए लोग झूठे बहाने बनाते हैं. कोई मां की बीमारी का हवाला देता है, कोई शादी का. ऐसे में जिन लोगों को वास्तव में जरूरत होती है, वे पीछे रह जाते हैं. उन्होंने कहा कि जब सेवा का मौका मिला है, तो उसे पूरी निष्ठा से निभाना चाहिए. उन्होंने यह भी साफ किया कि ट्रांसफर का मामला विधायकों के अधिकार क्षेत्र में आता है, सांसद को इसमें नहीं पड़ना चाहिए.

क्या है ट्रांसफर पॉलिसी ?
1. स्थानांतरण 1 मई से 30 मई 2025 तक किए जाएंगे.
2. पदों की संख्या के आधार पर स्थानांतरण की सीमा निर्धारित की गई है:
3. कर्मचारी ई-ऑफिस के माध्यम से 30 मई तक आवेदन कर सकते हैं.
4. प्रत्येक विभाग अपनी ट्रांसफर नीति बना सकता है, जिसे सामान्य प्रशासन विभाग से स्वीकृत कराना होगा.
5. स्वैच्छिक स्थानांतरण को भी इस नीति में शामिल किया गया है.
6. स्थानांतरण आदेश जारी होने के 15 दिन के भीतर कर्मचारी को नए स्थान पर जॉइन करना होगा.
7. आईएएस, आईपीएस, आईएफएस और राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी इस नीति के दायरे में नहीं आते.
8. विधायक अपने क्षेत्र के लिए अधिकारियों की अनुशंसा कर सकते हैं.
9. शासकीय सेवा में कार्यरत पति-पत्नी को एक ही जिले में स्थानांतरण की प्राथमिकता दी जाएगी.
10. स्थानांतरण विभाग की प्रशासनिक आवश्यकता और नीति के अनुसार किए जाएंगे.

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