इंतजार खत्मः 76 दिन बाद फिर हुए महाकाल के दर्शन, बगैर वैक्सीन सर्टिफिकेट एंट्री नहीं, यहां जानें गाइडलाइन
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इंतजार खत्मः 76 दिन बाद फिर हुए महाकाल के दर्शन, बगैर वैक्सीन सर्टिफिकेट एंट्री नहीं, यहां जानें गाइडलाइन

उत्तर प्रदेश से आए एक युवक ने बताया कि वह सुबह 2 बजे से लाइन में लगा है, ऑनलाइन बुकिंग मिली नहीं. इसलिए उन्होंने 251 की VIP रसीद ली और लाइन में अपने साथियों के साथ लग गए.

प्रतीकात्मक तस्वीर

मनोज जैन/उज्जैनः कोरोना महामारी की दूसरी लहर के कारण पिछले 76 दिनों से बंद बाबा महाकाल के द्वार आखिरकार फिर खुल गए. 28 जून सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक अब हर दिन दर्शन होंगे. श्रद्धालुओं को प्रवेश के लिए वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट समेत अन्य जरूरी गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य होगा. आज सुबह ही खुले मंदिर में गाइडलाइन पालन करते श्रद्धालुओं पर जी मीडिया संवाददाता ने ग्राउंड रिपोर्टिंग करते हुए जानकारी जुटाई. यहां जानिए पहले दिन कैसा रहा मंदिर का माहौल.

उच्च शिक्षा मंत्री ने दिखाया सर्टिफिकेट
मंदिर दर्शन के लिए राज्य के लिए उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव भी अपने परिवार के साथ पहुंचे. मंदिर में गाइडलाइन का प्रवेश करते हुए उन्होंने अपना और परिवार का वैक्सीन सर्टिफिकेट दिखाते हुए अंदर प्रवेश किया. दर्शन के बाद उन्होंने बाबा महाकाल को धन्यवाद देते हुए प्रदेश के सुख की कामना की. 

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12 अप्रैल से बंद था मंदिर
बाबा महाकाल का प्रवेश द्वार 12 अप्रैल से बंद था. कोई भी श्रद्धालु मंदिन में दर्शन नहीं कर पा रहा था. लेकिन अब प्रदेश में कम होते कोरोना केस को देखते हुए भक्तों को फिर से दर्शन की अनुमति दे दी गई. राज्य में डेल्टा वैरिएंट के बढ़ते खतरे को देखते हुए मंदिर प्रबंधन व जिला प्रशासन ने गाइडलाइन का उचित रूप से पालन करने के निर्देश दिए. 

एक घंटे पहले ही खड़े हो गए श्रद्धालु
करीब ढाई महीने के लंबे इंतजार के बाद खुले मंदिर में दर्शन के लिए भक्तों में भारी उत्साह देखने को मिला. मंदिर 6 बजे से खुलने का समय था, वहीं भक्तों ने एक घंटे पहले पांच बजे से ही लाइन लगाना शुरू कर दी. इस दौरान कनाडा, उत्तर प्रदेश से लेकर कई और स्थानों के श्रद्धालुओं ने भी दर्शन कर अपनी खुशी जताई. 

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कनाडा की महिला ने जताई खुशी
सुबह मंदिर पहुंचे जी मीडिया संवाददाता ने श्रद्धालुओं से बातचीत की. राजस्थान के एक श्रद्धालू ने बताया कि उन्हें गाइडलाइन के बारे में जानकरी नहीं थी. वे बिना वैक्सीन सर्टिफिकेट के पहुंचे, इसलिए उन्हें दर्शन करने को नहीं मिले. कनाडा से आई एक महिला तो पिछले 14 दिनों से दर्शन के इंतजार में है. वह 9 जून को उज्जैन आई, उन्हें लगा कि 15 जून से मंदिर खुलेंगे, लेकिन 28 को मंदिर खुले. उन्होंने गाइडलाइन के तहत की दर्शन करने पर खुशी जताई.

उत्तर प्रदेश से आए एक युवक ने बताया कि वह सुबह 2 बजे से लाइन में लगा है, ऑनलाइन बुकिंग मिली नहीं. इसलिए उन्होंने 251 की VIP रसीद ली और लाइन में अपने साथियों के साथ लग गए. युवक ने वैक्सीन सर्टिफिकेट भी दिखाया.  

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7 स्लॉट में होंगे दर्शन
मंदिर प्रबंधन ने गाइडलाइन जारी की. जिसके अनुसार

  • हर दिन 7 स्लॉट में दर्शन होंगे
  • प्रत्येक स्लॉट में 500-500 श्रद्धालुओं को प्रवेश मिलेगा
  • पांच-पांच लोगों के छोटे-छोटे ग्रुप बनाकर प्रवेश मिलेगा
  • हर दिन 3500 श्रद्धालू प्रवेश कर सकेंगे
  • श्रद्धालुओं को वैक्सीन सर्टिफिकेट दिखाना होगा
  • सुबह 6 से रात 8 बजे तक दर्शन होंगे
  • मास्क, डिस्टेंसिंग जैसी कोरोना गाइडलाइन का पालन भी अनिवार्य
  • बिना RTPCR रिपोर्ट के प्रवेश नहीं मिलेगा
  • रिपोर्ट में कुछ गड़बड़ी होने पर धारा 420 और 188 के तहत कार्रवाई होगी
  • VIP और VVIP को भी इन्हीं नियमों का पालन करना होगा
  • मंदिर के गर्भ गृह व नंदी हॉल में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा
  • किसी भी आरती में श्रद्धालू प्रवेश नहीं कर सकेंगे
  • जो श्रद्धालू बुकिंग नहीं कर सकेंगे, उन्हें मंदिर पहुंचकर 251 की रसीद कटवाना होगा
  • गेट नंबर चार से रसीद कटेगी. फिर वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट दिखाने के बाद प्रवेश मिलेगा

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