चहेते को IAS बनाने उमा ने लिखा CM को खत, कहा- विनय एक होनहार अफसर
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चहेते को IAS बनाने उमा ने लिखा CM को खत, कहा- विनय एक होनहार अफसर

मंत्री उमा भारती ने अपने चहते को आईएएस बनवाने के लिए मौन व्रत तोड़ दिया है.

उमा भारती ने लिखी CM शिवराज को चिट्ठी

नई दिल्लीः केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री उमा भारती ने अपने चहेते को आईएएस प्रमोट करवानेे के लिए मौन व्रत तोड़ दिया है. उमा भारती ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने अपने ओएसडी की सिफारिश के लिए गंगोत्री के किनारे मौन व्रत तोड़ने की बात कही है. पत्र के जरिए उमा भारती ने DPC चयन प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए हैं. पक्ष में उमा भारती ने कहा है कि मेरे मुख्यमंत्री रहते मैंने कई अफसरों को दंडित किया था. जिसके चलते मेरे स्टाफ में रहे राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी विनय निगम के साथ भेदभाव हुआ है. DPS में विनय निगम के साथ रहे अधिकारियों को IAS बनाया गया, लेकिन लिस्ट में विनय का नाम नहीं है. जबकि विनय की छवि साफ सुथरी है. बता दें कि 1994 बैच के राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी विनय मंडी बोर्ड में अपर संचालक हैं.

  1. विनय को आइएएस बनाने उमा भारती ने तोड़ा मौन व्रत
  2. विनय के लिए पहले भी उमा भारती कर चुकी हैं सिफारिश
  3. लोकायुक्त में विनय के खिलाफ दर्ज हो चुका है मामला

मुझसे बदला लेना चाहते हैं अफसर
उमा भारती का आरोप है कि अफसरों ने उनसे बदला लेने के लिए उनके ओएसडी रहे विनय को आईएएस नहीं बनने दिया गया. उन्होंने इस पर मुख्यमंत्री को सुझाव देते हुए रिव्यू DPC कराने की बात कही है. उमा ने अपने पत्र में CM शिवराज से कहा है कि 'आपके आस-पास मेरा सम्मान करने वाले अधिकारी भी हैं. वे विनय को आईएएस बनाने का रास्ता निकाल लेंगे'. भाजपा ने 2005 में मुझे निकाल दिया था, लेकिन फिर भी विनय ने मेरा साथ नहीं छोड़ा था. वे होनहार अफसर हैं, लेकिन प्रदेश की परिस्थितियों का शिकार हो गए. 

पहले भी CM शिवराज से कर चुकी हैं अनुरोध
बता दें कि उमा भारती के ओएसडी विनय पर लोकायुक्त में मामला दर्ज हो चुका है. जिस पर उमा भारती ने पत्र में हवाला दिया है कि ,राजनीति के चलते लोकायुक्त ने उन पर मनगढंत शिकायत दर्ज कराई थी. आपने मेरे अनुरोध पर विनय का आंशिक दंड माफ किया था. मैने यह अनुरोध इसलिए किया था ताकि उनकी तरक्की में बाधा न आए, वह आईएएस बन सके. जब मैं केंद्रीय मंत्री बनी तो कुछ समय मेरे साथ काम करने के बाद विनय को वापस राज्य इसलिए भेज दिया ताकि आईएएस अवार्ड में अड़चन न आए.

इकबाल सिंह से भी की थी बात
अपने पत्र में उमा भारती ने इकबाल सिंह का भी जिक्र किया है. उन्होंने कहा कि इस बारे मे मैंने इकबाल सिंह और एस के मिश्रा से भी बात की थी. इकबाल सिंह बैस मेरे घर आए थे. मैंने उनसे कहा था कि विनय के साथ भेद भाव नहीं होना चाहिए. विनय को मेरे साथ काम करने का दंड नहीं मिलना चाहिए. लेकिन फिर भी उनकी शिकायत लोकायुक्त में की गई. मुझे जो तर्क एस के मिश्रा ने विनय के विषय में बताए वह उनके प्रमोशन नहीं रोक सकते. क्योंकि जो सूची आई है उसमें जिन अफसरों का नाम है उसमें कई अधिकारी विनय से कमजोर हैं. 

तीन साल में पास नहीं कर पाए विभागीय परीक्षा
बता दें कि ज्वॉइनिंग के तीन साल में विभागीय परीक्षा पास नहीं कर पाने से विनय निगम वरिष्ठता में पिछड़ गए. DPC में 17 पदों के लिए 51 नामों पर विचार हुआ. इस लिस्ट में विनय 58वें नंबर पर था. उमा भारती के CM बनने के समय विनय की वरिष्ठता तय हुई थी. लेकिन 2017 की आइएएस की अवॉर्ड के विचार क्षेत्र में उनका नाम भी नहीं था. जिससे रिव्यू DPC का सवाल ही नहीं उठता. फिलहाल उमा की चिट्ठी के बाद मुख्य सचिव बीपी सिंह ने विनय की फाइल अंतिम निर्णय के लिए CM को भेजी है. 

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