प्रशांत की माने तो दहेज के सामान की एक अवधि होती है, जिसके बाद उनकी वैल्यू खत्म हो जाती है, लेकिन पौधे कालांतर तक लोगों को छाया और फल देते रहेंगे.
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कोरबा: पर्यावरण को बचाए रखने की दिशा में सामाजिक संगठन चरामेती फाउंडेशन ने अनोखी पहल शुरू की है. जिसके तहत संगठन के लोग अपने परिचितों, रिश्तेदारों, बेटे-बेटियों की शादी में फलदार और औषधीय पौधों को तोहफे में देते है. इसके साथ ही वर वधू से अनुरोध करते हैं कि इसे अपनी शादी की यादगार समझकर देखभाल करें. लोग इस पहल की खूब तारीफ भी कर रहे हैं.
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दहेज में दिए 35 पौधे
कुछ दिन पूर्व दीपका, कोरबा निवासी चंद्रभूषण महतो एवं महेंद्र कुमार महतो के परिवार में बिटिया नम्रता का विवाह अविनाश जायसवाल के साथ हुआ था. विवाह में दहेज के सभी सामान के साथ 35 फलदार पौधे देकर विदा किया. इसके पूर्व भी चरामेति फाउंडेशन के प्रमुख प्रशांत महतो ने अपनी मंझली बहन मनीषा को दो वर्ष पूर्व विवाह में दहेज में पौधे एवं मेहमानों को भी रिटर्न गिफ्ट के रूप में पौधे दे चुके है. वे पौधे अब पेड़ बन चुके है और लोग उनके फलों का स्वाद चख रहे हैं.
खुद के विवाह में मांगी किताब
गौरतलब है कि प्रशांत महतो ने स्वंय अपने विवाह में गिफ्ट की जगह पुरानी एवं नई किताबों को उपहार के रूप में मंगवाया था. इसे प्रमुखता से अपने शादी के कार्ड में भी छपवाया था. जिसका बहुत अच्छा परिणाम समाज में देखने को मिला था.
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पेड़ आजीवन रहेंगे
प्रशांत की माने तो दहेज के सामान की एक अवधि होती है, जिसके बाद उनकी वैल्यू खत्म हो जाती है, लेकिन पौधे कालांतर तक लोगों को छाया और फल देते रहेंगे. आज के समय में जहां शादी-विवाह दिखावा हो गया है, लोग अपनी शानो-शौकत दिखाने के लिए महंगे-महंगे उपहार दहेज स्वरूप देते है. ऐसे समय मे महतो परिवार ने एक मिसाल पेश करते पर्यावरण संरक्षण की दिशा में समाज को एक संदेश दिया है कि बेटी एक घर से दूसरे घर जाकर उस घर को वंश देती है और उसके साथ उपहार स्वरूप दिया पौधा उस घर को फल और शीतल छांव देगी.
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