भोपाल के लक्ष्मीनारायण कॉलेज में अध्ययनरत बैतूल के रहने वाले छात्र ने रैगिंग से परेशान होकर आत्महत्या कर ली. बुधवार रात 10 बजे चंद्रशेखर वार्ड स्थित रिश्तेदार के घर पर परेशान छात्र की लाश फांसी के फंदे पर लटकी हुई मिली. बताया जा रहा है कि छात्र यश साठे मंगलवार की ही रात भोपाल से बैतूल लौटा था. पूरे मामले को लेकर उसके पिता प्रहलाद साठे ने बताया कि पिछले वर्ष उन्होंने उनके पुत्र यश साठे का एडमीशन भोपाल के लक्ष्मीनारायण मेडिकल कॉलेज में करवाया था, जहां कॉलेज में पढऩे वाले कुछ सीनियर छात्र-छात्राओं ने यश की रैगिंग ली थी, जिसकी शिकायत करने के बाद भी आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. सीनियर छात्रा ने लगाया चोरी का आरोप सीनियर छात्र उसे रैगिंग के बहाने जहां परेशान कर रहे थे, वहीं उनके पुत्र के साथ छात्र-छात्राओं ने मारपीट भी की थी. पिता का यह भी कहना है कि कॉलेज की एक सीनियर छात्रा ने यश पर पैसे चोरी करने का इल्जाम भी लगाया था. यश के पिता के मुताबिक उनके पास दो दिन पहले यश की सीनियर श्रुति का कॉल आया था. जो कह रही थी की यश ने उसके पर्स से 10 हजार रुपये चोरी किये हैं. अगर उन्होंने वह पैसे वापस नहीं किये तो वह पुलिस में कंप्लेन कर देगी. जिसके बाद मैंने उसके एकाउंट में पैसे ट्रांसफर किये. रैगिंग के खिलाफ दर्ज कराई रिपोर्ट वापस लेने का दबाव वहीं जब यश के पिता ने यश से इस बारे में बात की तो उसने कॉलेज में रैगिंग और फर्जी शिकायत की बात कही. यश का कहना था कि उसके सीनियर उस पर रैगिंग की रिपोर्ट वापस लने के लिए कह रहे थे. जब मैंने बात मानने से इंकार कर दिया तो उन्होंने मुझसे 4 घंटे तक मारपीट की. यश के पिता के मुताबिक यश रैगिंग और मारपीट से बहुत दुखी था. जिसके चलते उसने घर आकर आत्महत्या कर ली. यश के शरीर पर चोटों के निशान वहीं चंद्रशेखर वार्ड में रहने वाले यश के चचेरे भाई विजय पंवार का कहना है कि 12 जून को रात 10 बजे यश बैतूल पहुंचा था, जिसके चेहरे पर चोटों के निशान भी थे. उसने कॉलेज में मारपीट होने की जानकारी भी दी थी और 13 जून को वह किसी काम से होशंगाबाद गया हुआ था. जब रात 10 बजे वापस लौटा तो यश की लाश फांसी के फंदे पर लटक रही थी. बता दें यश के पिता भी प्राइवेट डॉक्टर हैं और वह अपने बेटे को भी अपनी तरह डॉक्टर बनाना चाहते थे.