व्यापमं घोटाला: व्हिसलब्लोअर की पत्नी से जब्त करीब 10 लाख रुपये पर रहस्य बरकरार
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व्यापमं घोटाला: व्हिसलब्लोअर की पत्नी से जब्त करीब 10 लाख रुपये पर रहस्य बरकरार

मध्यप्रदेश के व्यापमं घोटाले के व्हिसलब्लोअर प्रशांत पांडे की पत्नी से कथित तौर पर हवाला की शंका में पुलिस द्वारा करीब 10 लाख रुपये जब्त करने के मामले में रहस्य बरकरार है। पुलिस जब्ती के चार दिन बाद भी इस बात की अब तक औपचारिक तसदीक नहीं कर सकी है कि इस रकम का संबंध हवाला के लेन-देन से ही था।

इंदौर : मध्यप्रदेश के व्यापमं घोटाले के व्हिसलब्लोअर प्रशांत पांडे की पत्नी से कथित तौर पर हवाला की शंका में पुलिस द्वारा करीब 10 लाख रुपये जब्त करने के मामले में रहस्य बरकरार है। पुलिस जब्ती के चार दिन बाद भी इस बात की अब तक औपचारिक तसदीक नहीं कर सकी है कि इस रकम का संबंध हवाला के लेन-देन से ही था।

पुलिस अधीक्षक (पूर्वी क्षेत्र) ओपी त्रिपाठी ने कहा, ‘पांडे की पत्नी मेघना से संदिग्ध हालात में जब्त 9.96 लाख रुपये को लेकर हमारी जांच जारी है।’ यह पूछे जाने पर कि क्या पुलिस को अपनी जांच में अब तक ऐसा कोई पुख्ता सुराग मिला है जिससे इस नतीजे पर पहुंच जा सके कि इस रकम का संबंध हवाला के जरिये किये गये लेन-देन से ही था, त्रिपाठी ने कहा, ‘इस बारे में फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता। हम मामले की बारीकी से जांच कर रहे हैं।’ उन्होंने बताया कि पुलिस ने पांडे की पत्नी मेघना से 25 जुलाई की शाम यहां मुखबिर की सूचना पर हवाला की शंका में 9.96 लाख रुपये जब्त किये थे। पुलिस ने यह रकम दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 102 के तहत जब्त की थी। सीआरपीसी की इस धारा के तहत मिली कानूनी शक्ति का इस्तेमाल कर कोई पुलिस अधिकारी किसी संपत्ति को संदिग्ध पाये जाने जब्त कर सकता है।

पुलिस ने कथित तौर पर हवाला की शंका में मेघना से 9.96 लाख रुपये जब्त करने के बाद उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। लेकिन व्हिसलब्लोअर की पत्नी को गिरफ्तार नहीं किया गया था। पूछताछ के बाद उसे घर जाने की अनुमति दे दी गयी थी। पांडे ने अपनी पत्नी के कब्जे से पुलिस के 9.96 लाख रुपये जब्त करने के बाद 26 जुलाई को दावा किया था कि यह रकम उनके परिवार की मेहनत की कमाई की है। व्यापमं के भ्रष्टाचार का खुलासा करने वाले कार्यकर्ता ने यह आरोप भी लगाया था कि पुलिस उसे प्रदेश सरकार के इशारे पर परेशान कर रही है। हालांकि, पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) विपिन माहेश्वरी ने व्हिसलब्लोअर के इस आरोप को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि ‘कानून सबके लिये बराबर है।’

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