सावधान! MP में भारी तबाही के बाद भी नहीं थमा बारिश का कहर, 12 जिलों में अलर्ट जारी
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सावधान! MP में भारी तबाही के बाद भी नहीं थमा बारिश का कहर, 12 जिलों में अलर्ट जारी

मध्य प्रदेश में भारी बारिश ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. प्रदेश के कई जिले बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं, लेकिन प्रकृति का ये रौद्र रुप अभी शांत होने वाला नहीं है. मौसम विभाग ने 12 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है.

फाइल फोटो

भोपाल: मध्य प्रदेश में भारी बारिश ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. प्रदेश के कई जिले बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं, लेकिन प्रकृति का ये रौद्र रुप अभी शांत होने वाला नहीं है. मौसम विभाग ने 12 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. इसके साथ बिजली चमकने और बिजली गिरने की संभावना भी है.

इन जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग ने राजगढ़, धार,रतलाम, शाजापुर, आगर ,श्योपुर, मंदसौर ,नीमच ,गुना में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है. यहां अगले 24 घंटे में आसमानी आफत बरस सकती है.  ऐसे में एक बार फिर जलभराव की स्थिति पैदा हो सकती है. वहीं भोपाल, होशंगाबाद, जबलपुर संभाग के जिलों में गरज चमक के साथ बिजली गिरने की संभावना जताई गई है. मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तरी पश्चिमी मध्य प्रदेश में चक्रवात की स्थिति बनी हुई है. इसके कारण 6 से 8 सितंबर के बीच बारिश के एक नया दौर मध्य प्रदेश पर देखने को मिलेगा. उस दौरान बारिश की तीव्रता अधिक होगी और बारिश का प्रभाव उत्तरी तथा उत्तर-पूर्वी जिलों पर अधिक रहने की संभावना है.

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बाढ़ की चपेट में  9 जिलों के 394 से अधिक गांव
आपको बता दें कि भारी बारिश की वजह से 9 जिलों के 394 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. राजधानी भोपाल में बारिश ने 14 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. वहीं होशंगाबाद में नर्मदा नदी 18 फीट ऊपर बह रही है, जिससे जिले के 182 गांव प्रभावित हो गए हैं. लगातार बारिश की वजह से होशंगाबाद जिले में नर्मदा नदी का जल स्तर खतरे के निशान 964 से 4 फिट ऊपर यानि कि 968.90 फिट तक पहुंच गया है. बाढ़ के पानी को निकाला जा सके, इसके लिए तवा डैम के सभी 13 गेटों को 30-30 फीट तक खोल दिया गया है. यहां से प्रति सेकेंड 5 लाख 33 हजार 823 क्यूसिक पानी छोड़ा जा रहा है. अब तक प्रदेश के 251 में से 120 डैम 90% से ज्यादा भर चुके हैं.

भारी बारिश से फसलों को नुकसान
प्रदेश के कई जिलों में बारिश और बाढ़ की वजह से लगभग 5 लाख हेक्टेयर की सोयाबीन की 50 प्रतिशत फसल खराब हो गई है. वहीं. दलहन और मक्का की फसले भी बर्बाद हो गई है. हालांकि राहत वाली बात है कि धान की फसल को नुकसान नहीं हुआ है.

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने होशंगाबाद और नसरुल्लागंज क्षेत्र के बाढ़ग्रस्त इलाकों का निरीक्षण किया था. राज्य में यह 1999 के बाद पहला मौका है, जब इतने लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. राज्य के 40 जिलों में 12 सौ लोगों के फंसे होने की खबर है.

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