रायपुर से 45 किमी की दूर स्थित राजिम तीर्थ को 'छत्तीसगढ़ का प्रयाग' कहा जाता है.
महानदी, पैरी नदी और सोंदुर नदी का संगम होने के कारण यह छत्तीसगढ़ का त्रिवेणी संगम कहलाता है.
संगम के बीच में कुलेश्वर महादेव का विशाल मंदिर स्थित है. इस स्थान का प्राचीन नाम कमलक्षेत्र है.
यहां के प्रसिद्ध राजीव लोचन मंदिर में भगवान विष्णु विराजमान हैं.
मान्यता है कि सृष्टि के आरंभ में भगवान विष्णु की नाभि से निकला कमल यहीं स्थित था.
राजिम तीर्थ को लेकर ये भी कहा जाता है कि यहीं से भगवान ब्रह्मा ने ब्रह्मांड की रचना की थी.
ऐसा कहा जाता है कि भगवान राम ने अपने वनवास काल में इसी स्थान पर अपने कुल देवता महादेव की पूजा की थी.
इस संगम में अस्थि विसर्जन और पिंडदान, श्राद्ध और तर्पण भी किया जाता है. हर साल यहां पर माघ पूर्णिमा से लेकर महाशिवरात्रि तक एक विशाल मेला भी लगता है.