माता सीता से पहली बार यहां टकराए थे भगवान राम, जानें

Oct 29, 2023

Dharmik kahani

अयोध्या के चक्रवर्ती सम्राट राजा दशरथ से भगवान श्री राम और लक्ष्मण को अपने यज्ञों की रक्षा के लिए गुरु विश्वामित्र ने मांग लिया था.

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विश्वामित्र राम और लक्ष्मण को धनुर्विद्या देते थे. साथ ही साथ दोनों राजकुमार गुरु के साथ जंगल - जंगल टहलते थे.

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ऐसे ही टहलते टहलते गुरु विश्वामित्र के साथ भगवान राम और लक्ष्मण मिथिला पहुंच गए थे.

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गुरु विश्वामित्र को पूजा के लिए फूलों की जरुरत थी. उनके लिए फूल लाने के लिए पुष्प वाटिका (फूलों का बगीचा) में जाते हैं

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उसी पुष्प वाटिका में माता सीता भी अपनी सखियों के साथ पार्वती मंदिर में पूजा करने के लिए आती हैं. उस समय माता सीता ने ऋंगार किया था.

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माता सीता की आवाज भगवान श्री राम के कानों में पड़ती है. जब प्रभु की पहली बार माता से नजर मिली तो जनक दुलारी ने भगवान राम का मन मोह लिया.

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कहा जाता है कि भगवान राम को देखने के बाद माता सीता को भी प्रभु श्री राम से प्रेम हो गया था. इसके बाद वो पार्वती मंदिर प्रभु राम को अपनी जीवन साथी बनाने के लिए पूजा करती हैं.

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माता सीता प्रभु श्री राम को देखने के बाद उनकी सुंदरता का बखान अपनी सखियों से करती हैं. सखियों ने भी भगवान के इस रूप का बखान माता सीता से किया था.

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माता सीता को देखने के बाद भगवान श्री राम अपने भाई लक्ष्मण से माता के इस सुंदरता की तारीफ करते हैं. तब लक्ष्मण भी कहते हैं कि प्रभु ये जनकनंदिनी सीता लगती हैं. जिनकी सुंदरता संसार में विख्यात है.

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इसके बाद प्रभु श्री राम ने अपने गुरू विश्वामित्र को सारी बात बताई और विश्वामित्र ने आशीर्वाद दिया. जिसके फलस्वरूप भगवान शंकर का धनुष तोड़ने के बाद माता सीता और प्रभु श्री राम का विवाह होता है.

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