कुत्ते के नाम वसीयत लिखकर चले गए सिंधिया परिवार के महाराजा

Zee News Desk
Jun 08, 2024

वर्ष 1886 में माधवराव सिंधिया 10 साल की उम्र में ग्वालियर के सिंहासन को संभाला था.

माधवराव सिंधिया ने अपने कुत्ते के नाम पर वसीयत लिख दी थी.

रशीद किदवई की किताब द हाउस ऑफ सिंधियाज के मुताबिक माधवराव सिंधिया को जानवरों से बहुत लगाव था.

माधवराव सिंधिया के पास कुत्ते, हाथी और घोड़े के साथ कई पालतू जानवर थे.

सभी जानवरों में से माधवराव सिंधिया को अपने कुत्ते से अधिक प्रेम था, उसका नाम हुस्सू था.

1925 में माधवराव सिंधिया बीमार पड़ गये थे, तब वह हुस्सू की चिंता में थे.

माधवराव सिंधिया को यहां चिंता थी उनके बाद हुस्सू कुत्ते का ध्यान कौन रखेगा. उन्होंने अपनी पत्नी के को हुस्सू का ध्यान रखने को कहा था.

जब माधवराव ने अपनी वसीयत लिखी तो हुस्सू कुत्ते के नाम पर रकम छोड़ी ताकि उसकी देखभाल में कोई कमी न रहे.

माधवराव के निधन के बाद उनका कुत्ता 5 साल तक जिंदा रहा फिर उसकी भी मौत हो गई. ग्वालियर में हुस्सू कुत्ते के नाम पर एक मेमोरियल भी बनवाया गया.

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