मध्य प्रदेश की प्राचीन कलाकृतियां बढ़ा रही हैं ब्रिटेन के म्यूजियम की शोभा

Zee News Desk
Apr 22, 2024

एंकलेट (anklet)

इसे टुकड़े को पत्तों के डिज़ाइन से सजाया गया है, हालांकि ये सांप (नागा) और मछली के डिज़ाइन की भी याद दिलाते हैं

फ्यूनरल बोर्ड (Funeral board)

इस बोर्ड घोड़े पर हाथ उठाए हुए एक आदमी और हाथी पर सवार दो आदमी (हाथ उठाए हुए भी) हैं, दोनों का रंग लाल है.

मूर्ति

कांस्य समूह में दो मुकुटधारी देवताओं (संभवतः भैरव और योगेश्वरी) को दर्शाया गया है. पूरे पर चंदन का लेप लगा हुआ है.

सप्तमातृका

सात मातृ देवियों के साथ एक पुरुष आकृति है, चामुंडा को सांप के सिर के साथ और वाराही को सूअर के सिर से पहचाना जा सकता है.

मुद्रा (coin)

तांबे का पंच अंकित सिक्का सन् 1894 का है.

कांस्य मूर्ति

दो खड़ी आकृतियों की छोटी कांस्य मूर्ति, 19वीं सदी की है.

यक्षिणी अम्बिका

मोटे सफेद संगमरमर में उकेरी गई जैना यक्षिणी अंबिका की खड़ी आकृति.

भगवान की कलाकृति

तांबे या कांस्य से बना यह कलाकृति छिंदवाड़ा की है.

शंख

शंख जो सूर्य-देवता का प्रतिक है, छिंदवाड़ा जिले का है.

चित्र (print)

सिल्कस्क्रीन के कागज पर बना, आदिवासी कला है, भोपाल शहर का बताया जा रहा है.

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