पूरी दूनिया को जीतने वाले सम्राट अशोक MP में हार गए थे अपना दिल

Zee News Desk
Apr 15, 2024

विदिशा शहर का नाम

सम्राट अशोक की पत्नी विदिशा के नाम पर MP के विदिशा शहर का नाम रखा गया था.

प्राचीन नाम

प्राचीन काल में विदिशा को बेसनगर कहा जाता था.

सफर में विदिशा रुके थे

अशोक के पिता बिन्दुसार ने 18 साल में उन्हें उज्जैन का प्रतिनिधि बनाया था, तब पाटलिपुत्र से उज्जैन जाते वक्त अशोक विदिशा में रुके थे.

पहली नजर में दिल हारे

बैसनगर के शाक्यवंशी साहूकार की बेटी विदिशा देवी से उनकी नजरें मिलीं और पहली ही नजर में वे अपना दिल हार गए.

बाग-बगीचों और नदी में मुलाकात

दोनों का प्रेम परवान चढ़ा और बैसनगर के बाग-बगीचों और नदी किनारे अशोक और विदिशा की मुलाकात होने लगी.

विदिशा की शर्त

अशोक ने विदिशा के सामने शादी का प्रस्ताव रखा, जिसपर देवी ने एक शर्त रखी कि वे बैसनगर छोड़कर नहीं जाएंगी.

शर्त मानी

सम्राट अशोक ने उनकी शर्त मानी ली और दोनों ने विवाह कर लिया.

बैसनगर आते रहे सम्राट

उन्होंने जीवनभर देवी की शर्त का सम्मान किया और मिलने के लिए बैसनगर आते रहे.

पुत्र व पुत्री

सम्राट अशोक और विदिशा देवी को एक पुत्र महेंद्र और एक पुत्री संघमित्रा हुए. दोनों भगवान बुद्ध के भक्त थे.

विदिशा की मृत्यु

सम्राट अशोक के शासनकाल के दौरान 239 ईसा पूर्व में बैसनगर में ही विदिशा देवी की मृत्यु हो गई.

अशोक-विदिशा प्रेम कहानी

आज भी विदिशा के बगीचे और नदियां सम्राट अशोक और विदिशा देवी के प्रेम के साक्षी हैं.

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