मां शैलपुत्री मंदिर

MP के इस जिले में हैं मां शैलपुत्री का प्रसिद्ध मंदिर, दर्शन मात्र से पूरी होती है मनचाही मुराद

200 साल पुराना मंदिर

मंदिर के पुजारी का कहना है कि मां शैलपुत्री का यह मंदिर करीब 150 से 200 साल पुराना है, 25 साल पहले इसका जीर्णोद्धार हुआ था.

संतान का वरदान

मान्यता है कि जिन दंपत्तियों को संतान की प्राप्ती नहीं है, वह अगर इस मंदिर में सच्चे मन से प्रार्थना करते हैं तो उन्हें फल मिलता है.

विवाह का वरदान

इसी तरह जिनके विवाह नहीं होते हैं, वे अगर मां शैलपुत्री के दरबार में अर्जी लगाते हैं तो भक्तों की सभी मुरादे पूरी होती हैं.

रोगों से निदान

मान्यता है कि नवरात्रि में 9 दिन तक इस मंदिर में दर्शन करने से भक्तों के रोगों को निदान भी होता है, मां आशीर्वाद देती हैं.

191 मनोकामना कलश

छिंदवाड़ा शहर में स्थित मां शैलपुत्री के इस मंदिर में 191 मनोकामना कलश भी स्थापित किए गए हैं.

घट स्थापना के साथ पूजा

नवरात्रि के पहले दिन ब्रह्म और शुक्ल योग में प्रथम मां शैलपुत्री की पूजा घटस्थापना के साथ शुरू की जाती है.

जीवन में स्थिरता

नवरात्रि पर सबसे पहले मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है, माना जाता है कि देवी की पूजा से जीवन में स्थिरता आती है.

हिमालय की बेटी

माता का जन्म पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री रूप में हुआ था, जिसके चलते इनका नाम 'शैलपुत्री' पड़ा है.

भक्तों की लगती है भीड़

छिंदवाड़ा शहर के शैलपुत्री मंदिर में नवरात्र के दिन भक्तों की भारी भीड़ जुटती हैं.

VIEW ALL

Read Next Story