MP का 5000 साल पुराना असीरगढ़ किला, यहां जो आया वो सोचने पर हुआ मजबूर!

मध्य प्रदेश जितनी अपनी सुंदरता और ऐतिहासिक चीजों के लिए विश्व प्रसिद्ध है उतना ही ये अपने रहस्यमयी स्थानों के लिए भी जाना जाता है.

MP में कई ऐसी जगह हैं, जो अपने आप में एक पहेली है. जिसका मतलब जानने वाला खुद उलझ जाता है.

ऐसी ही एक अनसुलझी पहेली मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में स्थित असीरगढ़ के किले की भी है. इससे जुड़े कई रोचक तथ्य हैरान करने वाले हैं.

सतपुड़ा पहाड़ी पर स्थित

बता दें कि असीरगढ़ किला भारत खास संरचनाओं में से एक है, जो सतपुड़ा की पहाड़ियों पर स्थित है.

कभी नहीं सूखा जलाशय

ऐसा कहा जाता है कि, ऊंचे पहाड़ पर स्थित इस किले में एक जलाशय है, जो कितनी ही भीषण गर्मी हो कभी सूखा नहीं है.

अश्वत्थामा किले में करते हैं स्नान

यहां के लोग ये मानते हैं कि, भगवान कृष्ण के श्राप का शिकार अश्वत्थामा यहां स्नान करने के बाद पास में स्थित शिव मंदिर में पूजा करने जाते हैं.

किले में शिव मंदिर स्थित

लगभग 5 हजार साल पुराने इस किले में भगवान शिव का मंदिर भी स्थित है, जो इतिहासकारों की मानें तो लगभग 5 हजार साल पुराना ही है.

खुदाई में मिली जेल

इसके साथ ही यहां खुदाई में एक जेल भी मिली है. इस जेल में लोहे की खिड़कियां लगी हुई हैं. इसके साथ ही, दरवाजे भी मिले हैं. जेल में लगभग चार बैरकें हैं.

अश्वत्थामा रोजाना आते हैं

मान्यता अनुसार यहां सालों तक भटकने का श्राप पा चुके अश्वत्थामा रोजाना शिव आराधना के लिए मंदिर आते हैं, और वे ही फूल और रोली भगवान शिव को अर्पित करते हैं.

अंग्रेजों ने किया कब्जा

इसके अलावा 200 साल तक इस किले पर फारुकी वंश ने यहां से शासन किया था. वर्ष 1601 में मुगल सम्राट अकबर ने किले को अपने कब्जे में ले लिया और उसके बाद यहां से मुगलों का दक्षिण भारत का विजय अभियान शुरू हुआ. हालांकि बाद में अंग्रेजों ने इस पर कब्जा किया.

VIEW ALL

Read Next Story