छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव को विद्वानों और बुद्धिमान लोगों की भूमि कहा जाता है.
राजनांदगांव का गौरवशाली अतीत और खूबसूरती शहर को अन्य शहरों से अलग बनाती है.
राजनांदगांव जिला 26 जनवरी 1973 को अस्थायी दुर्ग से अलग होकर अस्तित्व में आया था.
इस शहर पर सोमवंशियों, कलचुरियों और मराठों के प्रसिद्ध राजवंशों का शासन रहा है.
राजनांदगांव का नाम भगवान कृष्ण के वंशजों के नाम पर रखा गया था.
राजनांदगांव को प्राचीन काल में नंदग्राम के नाम से भी जाना जाता था.
राजनांदगांव को नदियों और तालाबों का गढ़ कहा जाता है, जो बेहद खूबसूरत है.
यहां भगवान जगन्नाथ का प्रसिद्ध मंदिर स्थापित है. जहां दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं.
मां बम्लेश्वरी मंदिर राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ में 1600 फीट ऊंची पहाड़ी पर स्थित है.