चिंता का मतलब... ओशो के इन विचारों से बदल सकती है सोच
Abhinaw Tripathi
Sep 17, 2024
Osho ke Vichar
मुसीबतों में रहने के बाद लोग इससे निकलने के लिए तरह- तरह का काम करते हैं. ऐसे लोगों को हम बताने जा रहे हैं ओशो के कुछ विचारों के बारे में जो इनके बेहद काम आ सकते हैं.
यदि आप खुद अपनी कंपनी का आनंद नहीं लेते हो तो और कोई उससे आनंदित कैसे हो सकता है.
मैं किसी से बेहतर करूं क्या फर्क पड़ता है, मैं किसी का बेहतर करूं बहुत फर्क पड़ता है.
अज्ञानी बने रहना अच्छा है, कम से कम अज्ञान तो आपका होता है,ये प्रामाणिक है, यही सच और ईमानदारी है.
पुरुष जितना प्रेम शब्दों में प्रकट करेगा, उससे कई गुना ज्यादा स्त्री मौन में प्रकट कर देगी.
जब दिल में प्यार और नफरत दोनों ही ना हो तो हर चीज साफ़ और स्पष्ट हो जाती है.
अगर आप तुलना करना छोड़ दें तो निश्चित ही जिंदगी बहुत खुबसूरत है.
चिंता करने का मतलब है कि ईश्वर की व्यवस्था पर शक करना.
खोजना है तो जिंदगी खोजो, मृत्यु तो वैसे ही एक दिन खोज लेगी.
भय हमेशा भविष्य के लिए होता है, भय कभी वर्तमान में नहीं होता.