भगवान के जीवन से जुड़ी कई कहानियां प्रचलित हैं. भगवान राम का चरित्र जीवन के हर पड़ाव पर लोगों को कुछ न कुछ सिखाता है. इनमें से हम आपको बताने जा रहे हैं उस कहानी के बारे में जब भगवान राम ने छिपकर एक राजा पर वार किया था.
सीता हरण
सीता हरण होने के बाद भगवान राम का मिलन सुग्रीव से होता है. राम- लक्ष्मण को देखने के बाद सुग्रीव हनुमान को प्रभु की पहचान जानने के लिए भेजते हैं.
हनुमान की पहचान
हनुमान भेष बदलकर प्रभु के पास आते हैं, लेकिन प्रभु उन्हें पहचान लेते हैं, इसके बाद हनुमान जी राम लक्ष्मण को लेकर सुग्रीव के पास जाते हैं.
सुग्रीव मिलन
सुग्रीव ने फिर प्रभु राम से अपनी व्यथा बताई और कहा कि उसके बाई बालि ने उसकी पत्नी तारा का हरण कर लिया है.
प्रभु का छिपना
प्रभु राम ने फिर बालि का वध करने के लिए योजना बनाई और खुद एक पेड़ के पास छिप गए.
सुग्रीव बालि युद्ध
सुग्रीव ने इसके बाद बालि को युद्ध के ललकारा और फिर जब दोनों युद्ध करने लगे तो प्रभु ने छिपकर तीर मार दिया, जिससे बाली जमीन पर गिर गया.
ये है वजह
फिर बालि ने प्रभु से छिपकर वार करने का कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि तुम्हें मिले वरदान के मुताबिक जो सामने से वार करेगा उसका बल आधा हो जाएगा.
किष्किंधापुरी का राजा
बालि के वध के बाद प्रभु राम ने सुग्रीव को सुग्रीव को किष्किंधापुरी का राजा बना दिया.
अंगद
बालि के पुत्र अंगद को प्रभु राम ने अपने साथ ले लिया. माता सीता की खोज में अंगद ने अहम भूमिका निभाई थी.