'दर्द हो दिल में तो दवा कीजे'...पढ़िए चुनिंदा दर्द भरे शेर

Harsh Katare
Dec 19, 2024

हाल तुम सुन लो मिरा देख लो सूरत मेरी दर्द वो चीज़ नहीं है कि दिखाए कोई

दर्द ऐसा है कि जी चाहे है ज़िंदा रहिए ज़िंदगी ऐसी कि मर जाने को जी चाहे है

कब ठहरेगा दर्द ऐ दिल कब रात बसर होगी सुनते थे वो आएँगे सुनते थे सहर होगी

प्यास बुझाने आते हैं दुख दर्द परिंदे रात गए ख़्वाब का चश्मा फूटा था आँखों में अब तक जारी है

आओ दुख दर्द बाँट लें 'एजाज़' रंज-ओ-ग़म को इधर-उधर कर लें

एक वो हैं कि जिन्हें अपनी ख़ुशी ले डूबी एक हम हैं कि जिन्हें ग़म ने उभरने न दिया

मेरे दुख-दर्द का तुझ पर हो असर कुछ ऐसा मैं रहूँ भूका तो तुझ से भी न खाया जाए

ग़म और ख़ुशी में फ़र्क़ न महसूस हो जहाँ मैं दिल को उस मक़ाम पे लाता चला गया

दर्द हो दिल में तो दवा कीजे और जो दिल ही न हो तो क्या कीजे

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