'रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ'...पढ़िए प्यार पर 10 सबसे खूबसूरत शायरियां

Harsh Katare
Dec 01, 2024

मैं तो ग़ज़ल सुना के अकेला खड़ा रहा सब अपने अपने चाहने वालों में खो गए

मुझे अब तुम से डर लगने लगा है तुम्हें मुझ से मोहब्बत हो गई क्या

सारी दुनिया के ग़म हमारे हैं और सितम ये कि हम तुम्हारे हैं

चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है हम को अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है

और क्या देखने को बाक़ी है आप से दिल लगा के देख लिया

होश वालों को ख़बर क्या बे-ख़ुदी क्या चीज़ है इश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िंदगी क्या चीज़ है

रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ

और भी दुख हैं ज़माने में मोहब्बत के सिवा राहतें और भी हैं वस्ल की राहत के सिवा

उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए

उस की याद आई है साँसो ज़रा आहिस्ता चलो धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है

न जी भर के देखा न कुछ बात की बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की

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