'मौत आई इश्क़ में तो हमें नींद आ गई'... दिल चीर देंगे अकबर इलाहाबादी के ये शेर

Harsh Katare
Nov 15, 2024

मोहब्बत का तुम से असर क्या कहूँ नज़र मिल गई दिल धड़कने लगा

आह जो दिल से निकाली जाएगी क्या समझते हो कि ख़ाली जाएगी

हंगामा है क्यूँ बरपा थोड़ी सी जो पी ली है डाका तो नहीं मारा चोरी तो नहीं की है

बस जान गया मैं तिरी पहचान यही है तू दिल में तो आता है समझ में नहीं आता

मौत आई इश्क़ में तो हमें नींद आ गई निकली बदन से जान तो काँटा निकल गया

हम आह भी करते हैं तो हो जाते हैं बदनाम वो क़त्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होता

इश्क़ नाज़ुक-मिज़ाज है बेहद अक़्ल का बोझ उठा नहीं सकता

जो कहा मैंने कि प्यार आता है मुझ को तुम पर हँस के कहने लगा और आप को आता क्या है

आई होगी किसी को हिज्र में मौत मुझ को तो नींद भी नहीं आती

लोग कहते हैं बदलता है ज़माना सब को मर्द वो हैं जो ज़माने को बदल देते हैं

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