शुभ काम से पहले क्यों बनाया जाता है स्वास्तिक? जानें महत्व

Ruchi Tiwari
Sep 15, 2024

स्वास्तिक

सनातन धर्म में स्वास्तिक को पवित्र और शुभ प्रतीक माना गया है.

शुभ काम

हर शुभ काम से पहले से हमेशा स्वास्तिक का चिन्ह बनाया जाता है.

शुभारंभ

सनातन धर्म में किसी भी शुभ काम का शुभारंभ स्वास्तिक चिन्ह बनाकर ही किया जाता है.

सौभाग्य का प्रतीक

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक स्वास्तिक का चिह्न सौभाग्य, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है.

स्वास्तिक का अर्थ

स्वास्तिक में सु' का अर्थ शुभ, 'अस' का अर्थ 'अस्तित्व' और 'क' का अर्थ करने वाला है. ऐसे में इसका अर्थ मंगल करने वाला माना गया है.

चार भुजाएं

स्वास्तिक की चार भुजाएं चार प्रमुख दिशाओं, चार तत्व और जीवन के चार चरणों का प्रतिनिधित्व करती हैं.

देव का स्वागत

मान्यता है कि शुभ काम से पहले स्वास्तिक बनाकर देवताओं को आमंत्रित किया जाता है.

आशीर्वाद

शुभ काम की शुरुआत में स्वास्तिक का चिह्न बनाने से उस काम के लिए देवताओं का आशीर्वाद मिलता है.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी धार्मिक और सामान्य मान्यताओं पर आधारित है.

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